देश की खबरें | राहुल का पुराना वीडियो जारी कर नड्डा ने कृषि कानूनों के विरोध पर साधा निशाना

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने रविवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लोकसभा में दिए गए एक भाषण का पुराना वीडियो साझा किया और आरोप लगाया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन पर वह ‘‘राजनीति’’ कर रहे हैं।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने रविवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लोकसभा में दिए गए एक भाषण का पुराना वीडियो साझा किया और आरोप लगाया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन पर वह ‘‘राजनीति’’ कर रहे हैं।

एक मिनट और सात सेकेंड के इस वीडियो में राहुल गांधी किसानों को बिचौलियों से बचाने के लिए उन्हें उत्पादों को सीधे कारखानों में बेचने की आवश्यकता की वकालत करते दिख रहे हैं।

नड्डा ने ट्वीट में कहा, ‘‘ये क्या जादू हो रहा है राहुल जी? पहले आप जिस चीज की वकालत कर रहे थे, अब उसका ही विरोध कर रहे है। देश हित, किसान हित से आपका कुछ लेना-देना नहीं है। आपको सिर्फ राजनीति करनी है। लेकिन आपका दुर्भाग्य है कि अब आपका पाखंड नहीं चलेगा। देश की जनता और किसान आपका दोहरा चरित्र जान चुके हैं।’’

ज्ञात हो कि सितंबर महीने में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान संगठन पिछले एक महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। वे तीन कृषि कानूनों को पूरी तरह से रद्द करने और एमएसपी पर कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं।

कांग्रेस ने इस आंदोलन का समर्थन किया है जबकि सरकार ने इन नए कृषि कानूनों को बड़े सुधार के रूप में पेश किया है, जिसका मकसद किसानों की मदद करना है। प्रदर्शनकारी किसानों की आशंका है कि इससे मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी, जिससे उन्हें बड़े कॉरपोरेट की दया पर निर्भर रहना पड़ेगा।

नड्डा ने जो वीडियो साझा किया है उसे देखकर लगता है कि वह तब की है जब राहुल गांधी अमेठी से सांसद थे। इस वीडियो में राहुल गांधी यह कहते सुने जा रहे हैं कि उनके अमेठी के दौरे के दौरान उनसे एक किसान ने पूछा कि क्या ‘‘जादू’’ है कि किसान दो रुपये प्रति किलो की दर से आलू बेचते हैं जबकि उनके बच्चे जो चिप्स खरीदते हैं, वह एक आलू का बना होता है और उसकी कीमत 10 रुपये होती है।

वीडियो में राहुल किसानों से पूछते हैं कि उनके मुताबिक ऐसा क्यों होता है तो उन्होंने बताया कि चूंकि वे जहां रहते हैं, वहां से फैक्ट्रियां बहुत दूर होती हैं और यदि वे अपने उत्पादों को सीधे वहां बेच पाते तो उन्हें बिचौलियों को पैसे दिए बिना सारे पैसे मिल जाएंगे।

वीडियो में राहुल गांधी आगे कहते हैं कि फूड पार्क बनाने के पीछे की सोच भी यही थी।

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहले कार्यकाल में अमेठी से फूड पार्क परियोजना को समाप्त करने का आरोप लगाया था। हालांकि, उस वक्त सरकार ने इस आरोप को यह कहते हुए खारिज किया था कि पार्क के लिए कभी जमीन ली ही नहीं गई थी।

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