देश की खबरें | मॉनसून के सितंबर अंत तक उत्तर-पश्चिम भारत से लौटने की संभावना नहीं

नयी दिल्ली, 16 सितंबर देश में इस वर्ष मॉनसून लंबे समय तक बना रह सकता हैं, क्योंकि सितंबर के अंत तक उत्तर भारत में बारिश में कमी आने के संकेत नहीं दिख रहे हैं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून उत्तर पश्चिम भारत से तभी वापस होता है जब लगातार पांच दिनों तक इलाके में बारिश नहीं होती है। निचले क्षोभ मंडल में चक्रवात रोधी वायु का निर्माण होता है और आर्द्रता में भी काफी कमी होना आवश्यक है।

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, ‘‘अगले दस दिनों तक उत्तर भारत से मॉनसून की वापसी के संकेत नहीं दिख रहे हैं।’’

आईएमडी ने एक बयान में कहा कि 23-29 सितंबर के सप्ताह की समाप्ति से पहले उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों से मॉनसून की वापसी की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना नहीं है।

आईएमडी ने पिछले वर्ष भी उत्तर पश्चिम भारत से मॉनसून की वापसी की तारीख संशोधित की थी। पिछले कुछ वर्षों से मॉनसून की वापसी में विलंब होने के रूख को देखते हुए यह किया गया था।

दक्षिण पश्चिम मॉनसून पहले राजस्थान से वापस होना शुरू होता है। संशोधित तिथि के अनुसार, यह 17 सितंबर से जैसलमेर से वापस होना शुरू होता है।

दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने 2017, 2018, 2019 और 2020 में विलंब से वापसी शुरू की।

मॉनसून के विलंब से वापस जाने का मतलब होता है कि ठंड भी देर से पड़ती है।

आधिकारिक रूप से दक्षिण पश्चिम मॉनसून एक जून से शुरू होता है और 30 सितंबर तक रहता है।

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