केरल में मानसून पहुंचने में हो सकती है चार दिन की देर :मौसम विज्ञान विभाग
केरल में मानसून पहुंचने के साथ ही देश में जून से सितंबर तक के चार महीने लंबे बरसात के मौसम की शुरुआत हो जाती है।
नयी दिल्ली, 15 मई इस वर्ष दक्षिणपश्चिम मानसून चार दिन देर से पांच जून को केरल पहुंचेगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को अपने पूर्वानुमान में यह जानकारी दी। लेकिन मौसम पूर्वानुमान से जुड़ी निजी मौसम एजेंसियों का कहना है कि मानसून तय समय से पहले केरल पहुंचेगा।
केरल में मानसून पहुंचने के साथ ही देश में जून से सितंबर तक के चार महीने लंबे बरसात के मौसम की शुरुआत हो जाती है।
सामान्य निर्धारित तिथि के अनुसार, मानसून एक जून को केरल पहुंचता है।
मौसम विभाग ने बताया, ‘‘इस वर्ष केरल में मानसून सामान्य तारीख के मुकाबले कुछ विलंब से आएगा। राज्य में मानसून पांच जून तक आ सकता है।’’
मौसम पूर्वानुमान के क्षेत्र में काम करने वाली निजी कंपनियों स्काईमेट वेदर और वेदर कंपनी (आईएमबी के उपक्रम) के मत मौसम विभाग से अलग हैं और दोनों का कहना है कि मानसून तय समय (एक जून) से पहले केरल पहुंचेगा।
स्काईमेट वेदर का कहना है कि मानसून 28 मई को ही केरल पहुंच जाएगा, वहीं वेदर कंपनी ने इसके लिए 31 मई की तारीख तय की है।
बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान के कारण अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में मानसून अपनी सामान्य तारीख 22 मई से छह दिन पहले 16 मई तक आ सकता है।
पिछले वर्ष अंडमान-निकोबार में मानसून अपनी तय तारीख से दो दिन पहले 18 मई को आ गया था लेकिन गति धीमी पड़ने से केरल में यह आठ जून को पहुंचा था और पूरे देश में मानसून की आमद 19 जुलाई को हुई थी।
विभाग के मुताबिक इस वर्ष मानसून सामान्य रहेगा।
देश में 75 फीसदी तक बारिश जून से सितंबर में दक्षिण-पश्चिम मानसून से होती है यह देश में न केवल खेती के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि जलाशयों में पानी भरने के साथ ही अर्थव्यवस्था के लिए भी जरूरी है जो मुख्य तौर पर कृषि आधारित है।
वहीं देश में उत्तरपूर्वी मानसून भी बारिश लेकर आता है। उत्तरपूर्वी मानसून से अक्टूबर से दिसंबर के बीच तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और आंध्र प्रदेश के हिस्सों में बारिश होती है।
इस साल भारतीय मौसम विभाग ने 1960 से 2019 के आंकड़ों के आधार पर देश के विभिन्न हिस्सों में मानसून के सक्रिय होने और जाने की तारीखों को संशोधित किया है। पिछली तारीखें 1901 और 1940 के आंकड़ों पर आधारित थीं।
केरल में मानसून आने की तारीख हालांकि अब भी एक जून ही है। वहीं महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के हिस्सों में मानसून आने में मौजूदा सामान्य तारीखों की तुलना में तीन से सात दिन की देरी हो सकती है।
राष्ट्रीय राजधानी में मानसून की नई सामान्य तारीख 23 जून से बढ़ाकर 27 जून कर दी गई है यानी दिल्ली में चार दिन की देरी से मानसून दस्तक देगा। इसी तरह से मुंबई और कोलकाता में मानसून की तारीख 10 जून से 11 जून की गई है और चेन्नई के लिए एक जून से चार जून की गई है।
हालांकि उत्तर पश्चिम भारत के सुदूरवर्ती हिस्से में मानसून मौजूदा 15 जुलाई की अपेक्षा आठ जुलाई को पहुंच जाएगा। वहीं, मानसून के वापस जाने की तारीख दक्षिण भारत में 15 अक्टूबर है।
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