देश की खबरें | कश्मीर घाटी में जमाव बिंदू से नीचे रहा न्यूनतम तापमान, उड़ानों का संचालन बहाल
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कश्मीर के अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम तापमान जमाव बिंदू से नीचे चला गया है और गुलमर्ग पर्यटन स्थल पर कड़ाके की ठंड पड़ रही है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
श्रीनगर, नौ जनवरी कश्मीर के अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम तापमान जमाव बिंदू से नीचे चला गया है और गुलमर्ग पर्यटन स्थल पर कड़ाके की ठंड पड़ रही है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
इस बीच, कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच उड़ानों का संचालन रविवार को फिर से बहाल हो गया। एक दिन पहले घाटी में भारी बर्फबारी के कारण यहां सभी उड़ानों को रद्द कर दिया गया था।
भारी बर्फबारी और खराब दृश्यता के कारण शनिवार को श्रीनगर हवाई अड्डे से संचालित होने वाली सभी 40 निर्धारित उड़ानों को रद्द करना पड़ा था।
भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के एक अधिकारी ने कहा, ''श्रीनगर हवाई अड्डे पर उड़ानों की आवाजाही रविवार सुबह बहाल हो गई और उड़ानें निर्धारित समय पर पहुंच रही हैं।''
वहीं, मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गुलमर्ग पर्यटन स्थल पर न्यूनतम तापमान शून्य से 10 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया है। पिछली रात यहां का तापमान शून्य से 4.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में वार्षिक अमरनाथ यात्रा के आधार शिविर पहलगाम में तापमान एक डिग्री सेल्सियस से ज्यादा की गिरावट के साथ शून्य से नीचे 1.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है।
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां न्यूनतम तापमान जमाव बिंदू से ऊपर रहा। श्रीनगर में शनिवार रात न्यूनतम तापमान 0.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
कश्मीर में 40 दिन का 'चिल्लई कलां' का दौर 21 दिसंबर से शुरू हो गया। इस दौरान क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ती है और तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाती है, जिससे यहां की प्रसिद्ध डल झील के साथ-साथ घाटी के कई हिस्सों में पानी की आपूर्ति लाइनों सहित जलाशय जम जाते हैं। इस दौरान अधिकतर इलाकों में बर्फबारी की संभावना भी सबसे अधिक रहती है और खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में भारी हिमपात होता है।
‘चिल्लई कलां’ के 31 जनवरी को खत्म होने के बाद, 20 दिन का ‘चिल्लई-खुर्द’ और फिर 10 दिन का ‘चिल्लई बच्चा’ का दौर शुरू होता है।
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