देश की खबरें | मायावती ने उप्र में बसपा को फिर से सत्ता में लाने के लिए दलित-ब्राह्मण एकता का आह्वान किया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) पर केवल बड़े-बड़े दावे करने और जमीनी स्तर पर कुछ नहीं करने का आरोप लगाते हुए बसपा को फिर से सत्ता में लाने के लिए दलित-ब्राह्मण एकता का आह्वान किया।
लखनऊ, सात सितंबर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) पर केवल बड़े-बड़े दावे करने और जमीनी स्तर पर कुछ नहीं करने का आरोप लगाते हुए बसपा को फिर से सत्ता में लाने के लिए दलित-ब्राह्मण एकता का आह्वान किया।
उन्होंने वादा किया कि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो दलितों और ब्राह्मणों के खिलाफ अत्याचार के मामलों की जांच की जाएगी।
बसपा प्रमुख मायावती करीब डेढ़ माह से ब्राह्मणों को साधने के लिए पार्टी द्वारा चलाये जा रहे 'प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन' के पहले चरण के समापन पर लखनऊ में राज्य के सभी जिलों से आये लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा और सपा दोनों ने दलितों और ब्राह्मणों के वोट के लिए खाली बातचीत की लेकिन सत्ता में रहते हुए उनके हितों की रक्षा नहीं की।
गौरतलब है कि मायावती के निर्देश पर बसपा महासचिव सतीश मिश्रा की अगुवाई में ब्राह्मण समाज को प्रभावित करने के लिए अयोध्या से बसपा ने प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन की श्रृंखला शुरू की जिसका प्रदेश के सभी जिलों में यह सम्मेलन आयोजित किया गया और मंगलवार को लखनऊ में पहले चरण का समापन हुआ। मायावती ने बीते दिनों कहा था कि पहले चरण का समापन लखनऊ में होगा और भविष्य में और सम्मेलन किए जाएंगे।
मायावती ने आज यहां कहा कि बसपा अपनी कथनी और करनी पर अडिग है और यह 2007 से 2012 के उनके शासन से प्रमाणित किया जा सकता है जिसमें अन्य वर्गों के साथ-साथ दलित और ब्राह्मण समाज के कल्याण और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई।
बसपा प्रमुख ने केंद्र में सत्ता में रहने के दौरान मेरठ और मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक दंगों के लिए कांग्रेस पर भी निशाना साधा और पार्टी पर अल्पसंख्यकों को सुरक्षा नहीं देने का आरोप लगाया।
मायावती ने 2022 में राज्य में बसपा के सत्ता में आने के बाद वर्तमान शासन के तहत दलितों और ब्राह्मणों के खिलाफ अत्याचार के मामलों की जांच का वादा किया। उन्होंने ब्राह्मणों को चुनावों में बड़ी संख्या में टिकट का भी वादा किया। बसपा प्रमुख ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध का समर्थन किया और घोषणा की कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो राज्य में तीनों विवादास्पद कानूनों को लागू नहीं किया जाएगा।
संगीता आनन्द
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)