देश की खबरें | फिटनेस रिकॉर्ड को देखते हुए बुमराह को लंबे समय तक टेस्ट कप्तान के रूप में नहीं देख सकती चयन समिति

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. जसप्रीत बुमराह भविष्य में रोहित शर्मा की जगह भारत के टेस्ट कप्तान बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं लेकिन अपनी फिटनेस संबंधी चिंताओं को देखते हुए वह लंबे समय के विकल्प नहीं लगते और हाल में कमर की मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या के कारण उनका अगले महीने होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में खेलना संदिग्ध है।

नयी दिल्ली, 12 जनवरी जसप्रीत बुमराह भविष्य में रोहित शर्मा की जगह भारत के टेस्ट कप्तान बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं लेकिन अपनी फिटनेस संबंधी चिंताओं को देखते हुए वह लंबे समय के विकल्प नहीं लगते और हाल में कमर की मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या के कारण उनका अगले महीने होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में खेलना संदिग्ध है।

भारतीय चयनकर्ताओं को उम्मीद है कि चैंपियंस ट्रॉफी में वह कुछ भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि अब उन्हें सिर्फ सूजन है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या उन्हें टेस्ट में स्थायी कप्तान माना जा सकता है क्योंकि अब जबकि रोहित का टेस्ट मैच में भविष्य लगभग तय है।

 अगर बुमराह इंग्लैंड में टेस्ट टीम की अगुआई करने के लिए फिट और तैयार हैं तो मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर और उनके चार साथियों को उप कप्तान के तौर पर एक मजबूत नाम की जरूरत है ताकि किसी भी उत्पन्न हुई स्थिति में उप कप्तान जिम्मेदारी संभालने के लिए सक्षम हो।

 फिलहाल टेस्ट में केवल दो नाम ऋषभ पंत और यशस्वी जायसवाल चर्चा में हैं। इसमें से पंत इस भूमिका के लिए सबसे उपयुक्त दिख रहे हैं।

 समझा जाता है कि शनिवार को अगरकर, मुख्य कोच गौतम गंभीर और रोहित के साथ बीसीसीआई की समीक्षा बैठक के दौरान बुमराह की कमर के निचले हिस्से की समस्या सामने आई।

समीक्षा बैठक के बाद निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि रोहित के पांच टेस्ट मैचों के लिए इंग्लैंड जाने की संभावना बहुत कम है और अगर सब कुछ ठीक रहा तो 31 वर्षीय बुमराह निश्चित रूप से हेडिंग्ले में पहले टेस्ट में टीम की अगुआई करेंगे।

महज 203 मैच में 443 अंतरराष्ट्रीय विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज बुमराह ने हाल में खत्म हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में पर्थ और सिडनी में भारत का नेतृत्व किया तथा 32 विकेट लेकर ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ रहे जो विदेशी धरती पर किसी भारतीय द्वारा झटके सर्वाधिक विकेट हैं।

लेकिन अंतिम टेस्ट में पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव उनके लिए अच्छा साबित नहीं हुआ क्योंकि वह दूसरी पारी में गेंदबाजी नहीं कर सके। अब वह चैंपियंस ट्रॉफी खेलने के लिए बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में रिहैबिलिटेशन से गुजरने के लिए तैयार हैं।

इस चोट ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या बुमराह टेस्ट में तेज गेंदबाज के रूप में अपने कार्यभार को देखते हुए लंबे समय तक फिट रह सकते हैं जिनकी आईसीसी के सफेद गेंद के टूर्नामेंट के लिए भी जरूरत है।

इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि जून 2025 से जून 2027 तक अगले डब्लयूटीसी चक्र के दौरान बुमराह को और चोट नहीं लगेगी और अब वह 30 साल की उम्र के पार हो चुके हैं। इसलिए चयनकर्ता दूसरी योजना तैयार करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं जिसमें कप्तानी के लिए एक और समान रूप से मजबूत उम्मीदवार को रखना शामिल हो जिसे उप-कप्तान के रूप में तैयार किया जा सके।

पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता देवांग गांधी ने कहा, ‘‘मेरे लिए यह बहुत ही सरल बात है। आप डेटा देखें और पता लगाएं कि टेस्ट क्रिकेट में कौन निश्चित रूप से चुना जा सकता है। बुमराह ने 45 टेस्ट खेले हैं और पंत ने 43 टेस्ट। वह (पंत) अभी 27 साल के हैं और जब वह केवल 23 साल के थे तब उन्होंने गाबा में भारत को सबसे बेहतरीन टेस्ट जीत दिलाई थी। वह मैच विजेता हैं और उन्हें उप-कप्तान होना चाहिए। ’’

 भारत के एक अन्य पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने सहमति जताई कि बुमराह अपने गेंदबाजी कार्यभार को देखते हुए टेस्ट कप्तान के रूप में दीर्घकालिक समाधान नहीं हो सकते।

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