जरुरी जानकारी | बीते सप्ताह सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, सीपीओ, पामोलीन में गिरावट

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. देश के खाद्य तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन दाना (तिलहन) एवं सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट आई जबकि बाकी अन्य तेल तिलहनों के भाव में तेजी रही।

नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर देश के खाद्य तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन दाना (तिलहन) एवं सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट आई जबकि बाकी अन्य तेल तिलहनों के भाव में तेजी रही।

बाजार सूत्रों ने कहा कि मंडियों में सरसों की आवक कम है और सहकारी संस्था नाफेड निरंतर सरसों की बिकवाली कर रहा है। इस बिक्री की वजह से समीक्षाधीन सप्ताह में सरसों तेल-तिलहन के दाम में गिरावट आई। किसान सरसों की ज्यादातर फसल बेच चुके हैं और जो बची हुई फसल है उसे रोक रोक के भी ला रहे हैं। आवक की यह कमी, नाफेड के सरसों बिकवाली से पूरी हो रही है।

सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन प्लांट वालों को जो उपज किसानों से मिलनी थी, उसे स्टॉकिस्ट खरीद रहे हैं और किसान भी संभल संभल के अपनी उपज ला रहा है। आवक की इस कमी से सोयाबीन दाना के दाम में सुधार है। दूसरी ओर, सोयाबीन की नयी फसल में नमी की वजह से सोयाबीन लूज के दाम में गिरावट है।

उन्होंने कहा कि वैसे तो सोयाबीन तेल के दाम विदेशों में टूटे नहीं हैं लेकिन जो सोयाबीन तेल यहां अच्छे खासे प्रीमियम पर बिक रहे थे, उस प्रीमियम में कमी आने से सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट नजर आ रही है। वैसे देखा जाये तो दाम कम नहीं हैं।

सूत्रों ने कहा कि मंडियों में मूंगफली एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से कम दाम पर बिक रहे हैं लेकिन मौसम खराब होने की वजह से कम आवक होने के कारण मूंगफली तेल-तिलहन में सुधार है। दूसरा किसान भी एमएसपी से अधिक नीचे दाम पर अपनी मूंगफली फसल बेचने को राजी नहीं दिख रहे हैं जो मूंगफली तेल-तिलहन में सुधार का मुख्य कारण है।

उन्होंने कहा कि कुछ विशेषज्ञ आयात शुल्क में वृद्धि करने के सरकार के फैसले से खाद्यतेलों के दाम मजबूत होने की आशंका व्यक्त कर रहे थे। सच्चाई उसके विपरीत है और मूंगफली तेल के दाम बढ़ने की आशंका बेबुनियाद है। जो मूंगफली तेल शुल्क वृद्धि के पहले 160 रुपये किलो बिक रहा था वह अब घटकर 151 रुपये किलो रह गया है। शुल्क वृद्धि के बाद तो मूंगफली तेल के दाम में 7-8 प्रतिशत की कमी दीख रही है।

सूत्रों ने कहा कि पहले जो सीपीओ और पामोलीन प्रीमियम पर बिक रहे थे, उस प्रीमियम के खत्म होने की वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट दिख रही है। वैसे यह गिरावट विदेशों में नहीं है जहां बायो-डीजल में पाम, पामोलीन का उपयोग बढ़ रहा है।

जिस कपास नरमा का भाव पहले 7,900-8,300 रुपये क्विंटल हुआ करता था, वह अब बढ़कर 8,000-8,400 रुपये क्विंटल हो गया है। अगर किसानों को कपास नरमा के यही भाव मिले तो अगली बार कपास का उत्पादन बढ़ने की संभावना हो सकती है। मौजूदा भाव मिलने से किसानों में खुशी है। लेकिन इसके साथ ही सरकार को मिलावटी बिनौला खल पर नकेल कसने का पुख्ता इंतजाम सोचना होगा जो कपास उत्पादन को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। अच्छे दाम मिलने के बावजूद किसान संभल-संभल कर पिछले साल के मुकाबले कम कपास नरमा बाजार में ला रहे हैं।

बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 100 रुपये घटकर 6,650-6,700 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का भाव 100 रुपये की गिरावट के साथ 13,975 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 10-10 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 2,180-2,280 रुपये और 2,180-2,295 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने का भाव 35 रुपये कर तेजी के साथ 4,725-4,770 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ वहीं नमी वाली फसलों की वजह से सोयाबीन लूज तिलहन का भाव 35 रुपये की गिरावट के साथ 4,425-4,660 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के दाम क्रमश: 150 रुपये, 200 रुपये और 100 रुपये घटकर क्रमश: 13,350 रुपये, 12,800 रुपये और 9,700 रुपये क्विंटल पर बंद हुए।

आवक की कमी के बीच मूंगफली तेल-तिलहन कीमतों में भी पिछले सप्ताहांत के मुकाबले सुधार का रुख रहा। मूंगफली तिलहन 75 रुपये की मजबूती के साथ 6,375-6,650 रुपये क्विंटल, मूंगफली तेल गुजरात 250 रुपये के सुधार के साथ 15,100 रुपये क्विंटल और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव 35 रुपये के सुधार के साथ 2,285-2,585 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।

कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का दाम 350 रुपये की गिरावट के साथ 12,150 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 125 रुपये की गिरावट के साथ 13,775 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 325 रुपये की हानि के साथ 12,575 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल 12,850 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्वस्तर पर बंद हुआ।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\