कायमकुलम (केरल), 16 दिसंबर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीसन के बीच हाल में अलप्पुझा में मुख्यमंत्री के सुरक्षाकर्मियों द्वारा युवा कांग्रेस और केरल छात्र संघ (केएसयू) के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कथित हमले को लेकर शनिवार को जुबानी जंग छिड़ गई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सुरक्षकर्मियों की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने उन्हें केएसयू कार्यकर्ताओं पर हमला करते नहीं देखा।
विजयन ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अपने एक सुरक्षा कर्मचारी का पुरजोर समर्थन किया, जिस पर शुक्रवार को अलप्पुझा में प्रदर्शनकारियों को डंडे से बेरहमी से पीटने और इडुक्की में उनकी तस्वीरें लेने की कोशिश करने वाले एक प्रेस फोटोग्राफर को जबरन धक्का देने का आरोप था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके अंगरक्षक यह सुनिश्चित करते हैं कि उन्हें कोई खतरा न हो।
विजयन ने कहा कि जब वह चल रहे थे तो फोटोग्राफर उनके बहुत करीब आ गया था और उनके अंगरक्षक का उसे दूर ले जाना स्वाभाविक था। उन्होंने अपने सुरक्षाकर्मियों की कार्रवाई को उचित ठहराते हुए कहा, ‘‘यह बहुत स्वाभाविक है...उन्हें ड्यूटी पर तैनात किया गया है।’’
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने उस विशेष अधिकारी को केएसयू कार्यकर्ताओं पर हमला करते नहीं देखा, जिन्होंने अलप्पुझा में विरोध प्रदर्शन किया था।
विजयन ने कहा कि वह और उनके कैबिनेट सहयोगी ‘नव केरल सदा’ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बस में एक साथ यात्रा कर रहे थे जब कुछ लोग अचानक वाहन के सामने कूद पड़े।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने केवल पुलिसकर्मियों को उन्हें रोकते हुए देखा।’’ मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनके अन्य सुरक्षाकर्मी उस समय वहां नहीं थे।
उन्होंने अपनी सरकार के महत्वाकांक्षी जनसंपर्क कार्यक्रम ‘नव केरल सदास’ की लगातार आलोचना करने के लिए विपक्षी दल कांग्रेस और मीडिया की आलोचना करते हुए कहा कि यह पहल राज्य और उसके लोगों के कल्याण के लिए है।
हालांकि, सतीसन ने विजयन की आलोचना करते हुए सवाल किया कि क्या केरल में सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन करने का अधिकार किसी को नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि विजयन के सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर डंडे से हमला किया था और मुख्यमंत्री अपने अंगरक्षकों के रूप में पुलिस बल के ‘अपराधियों’ को अपने साथ ले जा रहे थे।
केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के प्रमुख के. सुधाकरन ने भी इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री की कड़ी आलोचना की और आरोप लगाया कि उनके अंगरक्षक और बंदूकधारी पुलिस में शामिल ‘कट्टर अपराधियों के एक समूह’ हैं।
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