कांकेर, 17 अप्रैल छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले में मंगलवार को मुठभेड़ में 29 नक्सलियों के मारे जाने के बाद पुलिस ने दावा किया है कि इससे माओवादियों की उत्तर बस्तर ‘डिवीजन कमेटी’ को बड़ा झटका लगा है।
उसका कहना है कि यह कमेटी क्षेत्र में अवैध लेवी वसूलने और संगठन के आपूर्ति नेटवर्क को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही थी।
कांकेर जिले के छोटेबेठिया थाना क्षेत्र में मंगलवार को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 29 नक्सलियों को मार गिराया था। पिछले तीन दशकों से अधिक समय से इस समस्या से जूझ रहे छत्तीसगढ़ में यह पहली बार है कि जब सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों को मार गिराया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मारे गए दो नक्सलियों की पहचान शंकर राव और ललिता के रूप में की गई है। दोनों ‘डिविजनल कमेटी’ सदस्य थे और उनके सिर पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम था।
पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि यह मुठभेड़ कांकेर, नारायणपुर (छत्तीसगढ़ में) और गढ़चिरौली (महाराष्ट्र से सटे) के त्रिकोणीय स्थान पर हुई है। उनके अनुसार इस जगह को माओवादियों की उत्तर बस्तर ‘डिवीजन कमेटी’ के लिए सुरक्षित पनाहगाह माना जाता है।
सुंदरराज ने बताया कि उत्तर बस्तर डिवीजन कमेटी में लगभग 70 से 80 नक्सली हैं, जिसमें माओवादियों की चार क्षेत्र समितियां हैं रावघाट, परतापुर, कुवे और किसकोड़ो शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि माओवादियों की अलग-अलग डिवीजन समितियां अलग-अलग काम संभालती हैं। उनका कहना है कि उत्तर बस्तर ‘डिवीजन समिति’ अवैध लेवी वसूली और रसद आपूर्ति नेटवर्क संभालती है।
पुलिस महानिरीक्षक ने कहा, ''मंगलवार की मुठभेड़ ने उत्तर बस्तर डिवीजन कमेटी को भारी झटका पहुंचाया है। इसे पूरी तरह से खत्म करने के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है, हम सही दिशा में जा रहे हैं।''
उन्होंने कहा कि मारे गए नक्सलियों की पहचान सुनिश्चित करने की प्रक्रिया चल रही है और अब तक उनमें से दो की पहचान शंकर राव और ललिता के रूप में की गई है। उनके मुताबिक दोनों ‘डिविजनल कमेटी’ के सदस्य थे और उनके सिर पर आठ—आठ लाख रुपये का इनाम था।
सुंदरराज ने बताया, ''प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि मारे गए ज्यादातर नक्सली परतापुर एरिया कमेटी के थे।''
पहले चरण में 19 अप्रैल को होने वाले मतदान के सिलसिले में बस्तर लोकसभा क्षेत्र के लिए सुरक्षा व्यवस्था के बारे में पूछे जाने पर सुंदरराज ने कहा कि पिछले साल के विधानसभा चुनाव के दौरान, नक्सलियों ने हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश की थी लेकिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था ने उनकी कोशिशों को नाकाम कर दिया।
उन्होंने कहा , ‘‘इस समय भी आम चुनाव के लिए हमने उपलब्ध संसाधनों के साथ पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की है और हमें उम्मीद है कि बस्तर और कांकेर चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होंगे।’’
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