जरुरी जानकारी | आभूषण उद्योग निकाय का सरकार से जीएसटी को घटाकर 1.25 प्रतिशत करने का अनुरोध

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) ने मंगलवार को सरकार से जीएसटी (माल एवं सेवा कर) की दर को घटाकर 1.25 प्रतिशत करने का आग्रह किया। .

मुंबई, 18 जनवरी अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) ने मंगलवार को सरकार से जीएसटी (माल एवं सेवा कर) की दर को घटाकर 1.25 प्रतिशत करने का आग्रह किया। .

रत्न और आभूषण उद्योग के प्रमुख निकाय जीजेसी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अपनी बजट-पूर्व सिफारिशों में सोने, कीमती धातुओं, रत्नों और ऐसे सामान से बने आभूषणों पर राजस्व समानता सिद्धांत के आधार पर 1.25 प्रतिशत की संचयी जीएसटी दर तय करने की मांग की है।

वर्तमान में रत्न एवं आभूषण पर जीएसटी की दर तीन प्रतिशत है।

जीजेसी ने वित्त मंत्री से पैन कार्ड की सीमा दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का भी आग्रह किया है, क्योंकि ग्रामीण भारत में कई घरों में पैन कार्ड नहीं है और जरूरत के समय विशेषकर वैश्विक महामारी के समय में न्यूनतम आवश्यक आभूषण की व्यवस्था करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

जीजेसी ने सरकार से अनुरोध किया है कि सोने की न्यूनतम मात्रा पर उपयुक्त स्पष्टीकरण जारी किया जाए, जिसे कोई व्यक्ति किसी भी विभागीय अधिकारियों द्वारा पूछताछ किए बिना स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (जीएमएस) के तहत जमा कर सकता है।

इसके अलावा उद्योग निकाय ने अनुरोध किया कि रत्न और आभूषण उद्योग को 22 कैरेट सोने के आभूषणों की खरीद के लिए ईएमआई सुविधा की अनुमति दी जानी चाहिए, जिससे महामारी के बाद उद्योग के कारोबार में पर्याप्त वृद्धि होगी।

जीजेसी के अध्यक्ष आशीष पेठे ने कहा, ‘‘महामारी के इन मुश्किल समय के दौरान हमारे उद्योग को बहुत नुकसान हुआ है, और इसे के वी कामत की रिपोर्ट में 'तनावग्रस्त क्षेत्रों' में से एक के रूप में भी चिन्हित किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, हमने आयकर अधिनियम की धारा 40 ए में बदलाव का प्रस्ताव दिया है ताकि प्रतिदिन 10,000 रुपये की मौजूदा दैनिक नकद सीमा को बढ़ाकर 1,00,000 रुपये किया जा सके।’’

उन्होंने कहा कि जीजेसी ने सरकार से क्रेडिट कार्ड के माध्यम से आभूषणों की खरीद पर बैंक कमीशन (1-1.5 प्रतिशत) को माफ करने का भी आग्रह किया है। इससे रत्न और आभूषण उद्योग 'डिजिटल इंडिया' को बढ़ावा देने में भूमिका निभा सकेगा।

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