पर्थ, 24 नवंबर यशस्वी जायसवाल ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा की झलक पेश करते हुए 161 रन की पारी खेली जिससे भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन रविवार को यहां चाय तक दूसरी पारी में पांच विकेट पर 359 रन बनाकर अपनी कुल बढ़त 405 रन कर दी।
दिसंबर में 23 बरस के होने जा रहे जायसवाल ने ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर पहली बार खेलते हुए शतक जड़ा और अपनी पारी के दौरान 297 गेंद का सामना करते हुए 15 चौके और तीन छक्कों की मदद से 161 रन बनाए।
जायसवाल ने लोकेश राहुल (77) के साथ पहले विकेट के लिए रिकॉर्ड 201 रन की साझेदारी की।
चाय के विश्राम के समय विराट कोहली 40 जबकि वाशिंगटन सुंदर 14 रन बनाकर खेल रहे थे।
पिच से असमान उछाल मिल रहा है जिससे भारतीय कप्तान जसप्रीत बुमराह और उनके साथी गेंदबाज खुश होंगे।
एडीलेड में दूसरे टेस्ट से पहले देवदत्त पडिक्कल (25) और ध्रुव जुरेल (01) के पास खुद को साबित करने का मौका था लेकिन ये दोनों इसका फायदा उठाने में नाकाम रहे। दूसरे टेस्ट में इन दोनों की जगह कप्तान रोहित शर्मा और चोटिल शुभमन गिल की वापसी लगभग तय है।
पडिक्कल ने चाय के बाद जोश हेजलवुड की पहली ही गेंद पर स्लिप में स्मिथ को कैच थमाया।
भारत को सबसे बड़ा झटका जायसवाल के रूप में लगा जो मिशेल मार्श की गेंद को प्वाइंट पर सीधे स्मिथ के हाथों में खेल गए।
ऋषभ पंत (01) ने एक बार फिर आक्रामक रवैया अपनाने की कोशिश की लेकिन ऑस्ट्रेलिया की उन्हें ऑफ साइड के बाहर गेंदबाजी करने की रणनीति कामयाब रही और वह नाथन लियोन की गेंद पर स्टंप हो गए।
कप्तान पैट कमिंस ने इसके बाद जुरेल को पगबाधा करके भारत को पांचवां झटका दिया।
भारत की दूसरी पारी में तीसरे दिन का दूसरा सत्र ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे सफल रहा जिसमें टीम ने चार विकेट चटकाए।
भारत ने सत्र की शुरुआत एक विकेट पर 275 रन से की और 321 रन तक पांच विकेट गंवा दिए।
कोहली और सुंदर ने हालांकि इसके बाद पारी को संभाला।
भारत हालांकि अगर यह टेस्ट जीतता है तो पहली पारी में बुमराह के पांच विकेट की तरह जायसवाल और राहुल के बीच 201 रन की साझेदारी भी बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी।
ठीक 32 साल पहले 17 साल के सचिन तेंदुलकर ने वाका की टूटती पिच पर अंतिम दो दिन बल्लेबाजी करते हुए शतक जड़कर दुनिया का ध्यान खींचा था। इसके बाद तेंदुलकर ने क्रिकेट के मैदान पर जो किया वह इतिहास के पन्नों में दर्ज है।
और अब जायसवाल ने दुनिया को दिखा दिया है कि भारत का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। वह तेंदुलकर के बाद पर्थ में शतक जड़ने वाले दूसरे सबसे युवा भारतीय बल्लेबाज हैं।
जायसवाल ने रनों को लेकर अपनी भूख और बड़ी पारियां खेलने की क्षमता दिखा दी है। उन्होंने हेजलवुड की बाउंसर को विकेटकीपर के ऊपर से छह रन के लिए भेजकर अपना चौथा टेस्ट शतक पूरा किया जो एसईएनए (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) देशों में उनका पहला शतक है। उन्होंने अपने चारों शतक के दौरान 150 से अधिक रन बनाए हैं।
इस छक्के के साथ जायसवाल और राहुल की सलामी जोड़ी ने भारत की ओर से 191 रन की पिछली सर्वश्रेष्ठ साझेदारी को पीछे छोड़ा जो 1986 में सुनील गावस्कर और कृष्णमाचारी श्रीकांत ने बनाई थी।
दूसरे दिन रक्षात्मक होकर खेलने वाले राहुल ने 60 ओवर से अधिक पुरानी गेंद के खिलाफ तेज रन बनाने की कोशिश की। उन्होंने मिशेल स्टार्क की गेंदों पर कुछ रन जुटाए लेकिन शतक से चूक गए।
ऑस्ट्रेलिया में 200 रन की साझेदारी पूरी करने वाली पहली भारतीय सलामी जोड़ी बनने के बाद राहुल ने स्टार्क की कोण लेती गेंद पर विकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमाया।
पडिक्कल ने भी दूसरी नई गेंद लिए जाने से पहले कुछ अच्छे शॉट लगाए।
दूसरे छोर पर जायवाल ने नाथन लियोन और स्टार्क पर चौके मारे।
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