
चेन्नई, 22 मार्च तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष एम के स्टालिन की अध्यक्षता में परिसीमन पर संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) की पहली बैठक शनिवार को यहां शुरू हुई।
बैठक में कम से कम पांच राज्यों के 14 नेता भाग ले रहे हैं और वे उच्च आर्थिक विकास एवं साक्षरता वाले राज्यों के लिए लोकसभा सीटों के परिसीमन से उत्पन्न ‘‘खतरे’’ पर विचार-विमर्श करेंगे।
बैठक में भाग लेने वाले नेताओं में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान शामिल हैं।
वहीं, राज्य में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया और स्टालिन पर कर्नाटक तथा केरल के साथ कावेरी और मुल्लापेरियार जल बंटवारे के विवादों पर ऐसी बैठकें न बुलाने का आरोप लगाया।
भाजपा नेता तमिलिसाई सौंदरराजन ने इस बैठक को संबंधित नेताओं द्वारा ‘‘भ्रष्टाचार छिपाने वाली बैठक’’ बताया।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा, ‘‘किसी भी कीमत पर अपनी सीटों को कम नहीं होने देंगे।’’
उन्होंने दावा किया कि दक्षिण भारत ने हमेशा जनगणना नियमों और परिवार नियोजन नीतियों को बरकरार रखा है, जिससे यह एक प्रगतिशील क्षेत्र बन गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक रूप से और साक्षरता के मामले में, हमने हमेशा आगे बढ़कर काम किया है। हमने हमेशा राष्ट्रीय हित की रक्षा की है, न कि केवल अपने हित की।’’
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