देश की खबरें | शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोह पर मंत्री केसरकर के दावे की जांच हो : राकांपा
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मुंबई, 22 जून राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर के उस दावे की जांच की मांग की कि अगर पिछले साल शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का विद्रोह विफल हो जाता तो उन्होंने (शिंदे ने) “खुद को गोली मार ली होती”।
राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने एक बयान में कहा कि मंत्री की टिप्पणी को बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
क्रैस्टो ने कहा, “यह पता लगाने के लिए जांच की जानी चाहिए कि क्या काम पूरा करने में विफल रहने की स्थिति में उनपर (शिंदे पर) प्रतिकूल कदम उठाने का दबाव डाला जा रहा था।”
राकांपा नेता ने पूछा, “एकनाथ शिंदे जैसी राजनीतिक प्रतिष्ठा वाला व्यक्ति असफलता पर इतना कठोर कदम क्यों उठाना चाहेगा?” केसरकर ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि पिछले साल शिवसेना के स्थापना दिवस (19 जून) पर तत्कालीन उद्धव ठाकरे कैबिनेट में मंत्री शिंदे का अपमान किया गया था।
केसरकर ने दावा किया था, “शिंदे साहब सच्चे इंसान और सच्चे शिवसैनिक हैं। उन्होंने (शिंदे ने) कहा था, ‘अगर मेरा विद्रोह विफल हो गया, तो मैं सभी (बागी) विधायकों को वापस भेज देता...मैं मातोश्री (उपनगरीय बांद्रा में ठाकरे परिवार का निजी आवास) फोन करता और कहता कि मैंने गलती की, विधायकों की गलती नहीं है और तब मैं अपने सिर में गोली मार लेता।”
स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि जो व्यक्ति इस तरह से सोचता है, वह एक अलग स्तर पर है, क्योंकि उसके पास यह समझने की परिपक्वता है कि उसकी वजह से एक भी विधायक का करियर राजनीतिक रूप से बर्बाद नहीं होना चाहिए, यहां तक कि उसकी जान की कीमत पर भी।
केसरकर के सनसनीखेज दावे पर राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने बुधवार को कहा कि पुलिस को दीपक केसरकर को हिरासत में लेना चाहिए, क्योंकि कोई आत्महत्या करने के बारे में सोच रहा था और केसरकर इससे अवगत थे।
पिछले साल 20 जून को, शिंदे सहित शिवसेना के 40 विधायकों ने तत्कालीन नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी, जिससे पार्टी में विभाजन हो गया और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। कुछ दिनों बाद, शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से नये मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला।
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