नयी दिल्ली, 30 नवंबर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर के निधन के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि वर्ष 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के समय तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन और किसिंजर ने भारत के लिए बड़ा सिरदर्द पैदा किया था, लेकिन तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके सहयोगी पी. एन. हक्सर दोनों के मुकाबले बीस साबित हुए।
अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर का बुधवार को निधन हो गया। वह 100 वर्ष के थे। किसिंजर ने अमेरिका के दो राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन और गेराल्ड फोर्ड के कार्यकाल में अपनी सेवाएं दी थीं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, "हेनरी किसिंजर का निधन हो गया है। वह जितने विवादास्पद थे उतने ही महत्वपूर्ण भी थे। उनके लंबे और घटनाओं से पूर्ण जीवन में उनकी प्रशंसा भी की गई और निंदा भी की गई। लेकिन उनकी बौद्धिक प्रतिभा और अद्भुत करिश्मे के बारे में कोई संदेह नहीं हो सकता।"
रमेश ने कहा, "पिछले तीन दशकों से उन्होंने खुद को भारत के एक महान मित्र और समर्थक के रूप में स्थापित किया और वास्तव में वह थे भी। लेकिन यह हमेशा ऐसा नहीं था, विशेष रूप से 1971 में, जब राष्ट्रपति निक्सन और किसिंजर ने भारत के लिए बड़ा सिरदर्द पैदा किया और सोचा कि उन्होंने हमें घेर लिया है, लेकिन इंदिरा गांधी और पी. एन. हक्सर उनके मुकाबले बीस साबित हुए।"
किसिंजर वर्ष 1971 में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे। उस समय हक्सर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के प्रधान सचिव थे। उस वर्ष भारत के सहयोग से बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया था।
रमेश ने कहा, "मैंने अपनी पुस्तक 'इंटरट्वाइंड लाइव्स: पीएन हक्सर एन्ड इंदिरा गांधी' में किसिंजर-हक्सर और निक्सन-इंदिरा गांधी के आमने-सामने होने का विस्तार से वर्णन किया है।"
उन्होंने कहा कि अमेरिकी लेखक गैरी बैस ने अपनी पुस्तक 'द ब्लड टेलीग्राम: निक्सन, किसिंजर एंड ए फॉरगॉटन जेनोसाइड' में 1971 के बांग्लादेश के निर्माण की घटनाओं में उनकी भूमिका के लिए किसिंजर को जिम्मेदार ठहराया है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)