जरुरी जानकारी | ओएनजीसी के संस्थान में कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए देशी-विदेशी कंपनियां कतार में
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नयी दिल्ली, 19 सितंबर रूस और फ्रांस की दिग्गज ऊर्जा कंपनियों से लेकर भारत में हवाईअड्डा संचालकों तक, कई कंपनियां सरकारी स्वामित्व वाली ओएनजीसी के प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान में अपने कर्मियों को अग्नि सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षित करने के लिए कतार में हैं।
ओएनजीसी के कार्यकारी निदेशक अतुल गर्ग ने कहा कि रूस की रोसनेफ्ट, फ्रांस की टोटल; प्रमुख घरेलू ऊर्जा कंपनियां जैसे आईओसी, गेल, एचपीसीएल एवं ओआईएल; केयर्न जैसी निजी कंपनियां; हवाईअड्डा संचालक जीएमआर और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) उन ग्राहकों की लंबी सूची में शामिल हैं, जिन्होंने किसी न किसी समय अपने कर्मियों को पेट्रोलियम सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण प्रबंधन संस्थान (आईपीएसएचईएम) में प्रशिक्षण के लिए भेजा है।
संस्थान ने महामारी के प्रकोप के बाद अपने शारीरिक प्रशिक्षण मॉड्यूल को बंद कर दिया था और डेढ़ साल के अंतराल के बाद इस महीने यह प्रशिक्षण फिर से शुरू कर रहा है।
उन्होंने कहा, "हमारे पास अपने खुद के कर्मियों का एक बैकलॉग है, जिन्हें समुद्र में जीवित रहने से लेकर अग्नि सुरक्षा जैसे पहलुओं में प्रशिक्षित करने की जरूरत है। और इसलिए शुरुआत में हम ओएनजीसी कर्मियों को प्रशिक्षण देंगे और बाद में उद्योग की मांग को पूरा करने पर ध्यान देंगे।"
संस्थान बुनियादी अग्निशमन प्रशिक्षण और पर्यावरण प्रबंधन से लेकर रिसाव के नियंत्रण और आपदा प्रबंधन तक, कई तरह के पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
गोवा में स्थित संस्थान के विशाल परिसर में एक छात्रावास हैं।
गर्ग ने कहा, "संस्थान स्टिमुलेटर से लैस है जिनका इस्तेमाल वास्तविक जीवन की तरह की स्थितियों का निर्माण करने में किया जाता है जैसे कि तेल एवं गैस पाइपलाइनों, डिपो और टैंकर में आग, रिसाव और हेलिकॉप्टरों में आग। कर्मियों को रिफाइनरी, तेल क्षेत्र, पाइपलाइन और ईंधन भंडारण डिपो के विभिन्न प्रतिष्ठानों में आग को नियंत्रित करने के साथ-साथ बचाव के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।"
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