देश की खबरें | उच्च न्यायालय ने घटिया ऑक्सीजन सांद्रक की बिक्री को लेकर दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से किया इनकार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2021 में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान कथित रूप से खराब और घटिया ऑक्सीजन सांद्रक ऊंची कीमत पर बेचने को लेकर एक फर्म और उसके अधिकारियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से इनकार कर दिया है।

नयी दिल्ली, 21 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2021 में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान कथित रूप से खराब और घटिया ऑक्सीजन सांद्रक ऊंची कीमत पर बेचने को लेकर एक फर्म और उसके अधिकारियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से इनकार कर दिया है।

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि ऐसे समय में कार्यवाही रद्द करना उचित नहीं है, जब जांच लंबित है और उन्होंने मैट्रिक्स सेलुलर इंटरनेशनल सर्विसेज लिमिटेड तथा अन्य की याचिका खारिज कर दी।

इस बात पर जोर देते हुए कि महामारी के दौरान, विश्वसनीय और प्रभावी ऑक्सीजन सांद्रक उपलब्ध होना महत्वपूर्ण था, अदालत ने कहा कि क्या ऑक्सीजन सांद्रक विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों को पूरा करते थे। अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता को उपकरण के घटिया होने के बारे में जानकारी थी या नहीं, यह अब भी जांच के अधीन है।

न्यायाधीश ने 20 नवंबर को अपने आदेश में लिखा,‘‘गलत तरीके से लाभ प्राप्त करने के लिए, बिना परीक्षण के ऑक्सीजन सांद्रक बेचने, महामारी के कारण उत्पन्न संकट और ऑक्सीजन की आपूर्ति की घोर कमी का अनुचित लाभ उठाने तथा जरूरतमंद लोगों को अपनी गाढ़ी कमाई से अर्जित पैसा निकालने के लिए मजबूर करने के आरोपों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। महामारी के समय इस लाभ का अंतर बहुत अधिक था।’’

अदालत ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता को जांच पूरी होने के बाद उपयुक्त मंच पर जाने की छूट है, जबकि याचिकाकर्ता की सभी दलीलें बाद में विचार के लिए खुली रखी गई हैं।

मई 2021 में दर्ज प्राथमिकी में, दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि उसे लोधी कॉलोनी के एक रेस्तरां में थर्मल स्कैनर और मास्क के साथ नौ लीटर और पांच लीटर की क्षमता के ऑक्सीजन सांद्रक वाले 32 बक्से मिले हैं।

जांच में पता चला कि आरोपियों ने कथित तौर पर विभिन्न माध्यमों से ऑक्सीजन सांद्रक और कोविड-19 उपचार संबंधी अन्य उपकरण खरीदे तथा उन्हें अत्यधिक कीमतों पर बेचा। मैट्रिक्स सेलुलर के सीईओ गौरव खन्ना को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई।

याचिकाकर्ता ने इस आधार पर प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया कि यह निराधार है और ऑक्सीजन सांद्रक महामारी की तत्काल मांगों को पूरा करने के लिए आयात किए गए थे।

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