नयी दिल्ली, चार मार्च सरकार ने तंजानिया को 30,000 टन गैर-बासमती सफेद चावल और जिबूती और गिनी बिसाऊ को 80,000 टन टूटे चावल के निर्यात की अनुमति दी है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा है कि नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लि. (एनसीईएल) के माध्यम से यह निर्यात किया जाएगा।
हालांकि, घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने के लिए 20 जुलाई, 2023 से गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध है, लेकिन सरकार अनुरोध के आधार पर कुछ देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों के लिए निर्यात की अनुमति देती है।
तंजानिया एक पूर्वी अफ्रीकी देश है, जबकि जिबूती अफ्रीकी महाद्वीप के उत्तर-पूर्वी तट पर है। गिनी-बिसाऊ पश्चिम अफ़्रीका का देश है।
अधिसूचना के अनुसार, जिबूती को 30,000 टन और गिनी बिसाऊ को 50,000 टन टूटे चावल के निर्यात की अनुमति दी गई है।
भारत पहले भी नेपाल, कैमरून, कोटे डी आइवर, गिनी, मलेशिया, फिलिपीन और सेशेल्स जैसे देशों को इसके निर्यात की अनुमति दे चुका है।
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