देश की खबरें | गोवा : अज्ञात स्थान पर भेजे जाने के बाद कांग्रेस के पांच विधायकों ने विधानसभा सत्र में हिस्सा लिया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. एक दिन पहले संपर्क से दूर हुए कांग्रेस के पांच विधायक सोमवार को मॉनसून सत्र के पहले दिन गोवा विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हुए और दावा किया कि पार्टी में ‘‘कुछ भी गलत नहीं हुआ है।’’
पणजी,11 जुलाई एक दिन पहले संपर्क से दूर हुए कांग्रेस के पांच विधायक सोमवार को मॉनसून सत्र के पहले दिन गोवा विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हुए और दावा किया कि पार्टी में ‘‘कुछ भी गलत नहीं हुआ है।’’
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने पूर्व में कहा था कि रविवार को राज्य के कुल 11 कांग्रेस विधायकों में से पांच- माइकल लोबो, दिगंबर कामत, केदार नाइक, राजेश फलदेसाई और डिलायला लोबो संपर्क से दूर चले गए थे। बाद में कांग्रेस ने लोबो को 40 सदस्यीय राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से हटा दिया।
कांग्रेस के गोवा डेस्क प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने आरोप लगाया था कि ‘‘लोबो और कामत कांग्रेस में फूट डालने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिल कर साजिश रच रहे हैं।’’ लोबो ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि पार्टी में कुछ भी गलत नहीं हुआ है।
लोबो ने कहा, ‘‘कुछ गलत नहीं हुआ है। मुझे नहीं पता कि समस्या क्या है। कांग्रेस के सभी विधायक एक साथ हैं। हम रविवार को बैठक के लिए दक्षिण गोवा गए थे। वे (कांग्रेस नेता) फिर से एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस करना चाहते थे, जिसकी आवश्यकता नहीं थी, इसलिए हम इसमें शामिल नहीं हुए।’’ लोबो की पत्नी दलीला भी कांग्रेस विधायक हैं।
लोबो ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर राज्य का चुनाव जीता और वह पार्टी के साथ खड़े हैं। नेता प्रतिपक्ष पद से हटाए जाने के बारे में पूछने पर लोबो ने कहा कि उन्होंने पार्टी से कहा था कि उन्हें इस पद पर रहने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत और उनके कांग्रेस सहयोगी राजेश फलदेसाई ने भी कहा कि वे पार्टी के साथ हैं। कांग्रेस के दो विधायकों ने कहा कि वे व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के कारण रविवार को पार्टी कार्यालय में नहीं थे।
विधानसभा परिसर के बाहर पत्रकारों से कामत ने कहा कि वह कांग्रेस के साथ हैं। कामत ने कहा, ‘‘मैं शनिवार को दिनेश गुंडू राव से मिला था। मैंने उनसे कहा कि पार्टी में मुझे जिस अपमान का सामना करना पड़ा, उससे मैं आहत हूं।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा में उनके शामिल होने के बारे में 2017 से अफवाह फैलाई जा रही हैं।
कामत ने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस के साथ रहा हूं। मैंने विधानसभा चुनाव के दौरान (इस साल की शुरुआत में) पार्टी का नेतृत्व किया, लेकिन चुनाव के बाद मुझे नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं दिया गया।’’
विधायक राजेश फलदेसाई ने भी कहा कि वह पार्टी के साथ हैं और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अमित पाटकर को (रविवार को पार्टी कार्यालय से) अपनी अनुपस्थिति के बारे में सूचित किया था, क्योंकि वह व्यक्तिगत कारणों से घर पर थे। फलदेसाई ने कहा कि अफवाहें फैलाई गई हैं कि उन्होंने रविवार को मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से मुलाकात की।
विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले, कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पांच अन्य विधायकों को एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया, ताकि पार्टी में ‘विभाजन' से बचा जा सके और वे सत्र में भाग लेंगे।
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