मॉस्को में मुकदमों का सामना कर रहे चार रूसी पत्रकार
रूस की राजधानी मॉस्को में चार रूसी पत्रकारों पर एक "कट्टरपंथी" समूह से जुड़े होने का आरोप है.

रूस की राजधानी मॉस्को में चार रूसी पत्रकारों पर एक "कट्टरपंथी" समूह से जुड़े होने का आरोप है. इनमें डीडब्ल्यू के पूर्व कर्मचारी भी शामिल हैं, जिनको आरोप साबित होने पर 6 साल कैद तक की सजा हो सकती है.चार रूसी पत्रकार इस समय मॉस्को में मुकदमे का सामना कर रहे हैं. उन पर एक "कट्टरपंथी" समूह से जुड़े होने का आरोप है. जिस समूह की बात हो रही है वह है- फाउंडेशन फॉर फाइटिंग करप्शन. इसकी स्थापना रूस के दिवंगत विपक्षी नेता ऐलेक्सी नावाल्नी ने की थी.
2024 की शुरुआत में सुदूर आर्कटिक सर्कल की एक रूसी जेल में नावाल्नी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. इससे पहले 2021 में रूसी अधिकारियों ने फाउंडेशन को अतिवादी बताकर प्रतिबंधित घोषित कर दिया था. चारों अभियुक्त इन आरोपों से इनकार करते हैं और तर्क देते हैं कि वे फाउंडेशन के लिए काम नहीं कर रहे थे. बल्कि स्वतंत्र रूप से इस पर रिपोर्टिंग कर रहे थे.
गुरुवार, 13 मार्च को अंतोनिना फवोर्स्काया, आर्त्योम क्रीगर, कॉन्स्टेंटिन गाबोव और सर्गेई कारेलिन ने अपनी अंतिम दलीलें पेश कीं. उम्मीद है कि फैसला अगले पांच दिनों के भीतर सुनाया जाएगा. अगर दोषी पाए गए तो अभियुक्तों को छह साल तक की जेल हो सकती है. रूसी मानवाधिकार प्रोजेक्ट- पॉलिटिकल प्रिजनर्स मेमोरियल ने उन्हें राजनीतिक कैदी का दर्जा दिया है. यह मुकदमा बंद दरवाजों के पीछे चला है. कुछ ही जानकारी सामने आई है, लेकिन जेल में बंद पत्रकार, बाहरी दुनिया से संपर्क में रहने के लिए चिट्ठियां लिख रहे हैं.
अंतोनिना फवोर्स्काया, 35
अंतोनिना फवोर्स्काया पहले फिल्म और थिएटर अभिनेत्री थीं. 2022 में रूस के यूक्रेन पर विस्तृत हमले के बाद वह कोर्ट फोटोग्राफर बन गईं और राजनीतिक कैदियों की सुनवाई कवर करने लगीं. इनमें ऐलेक्सी नावाल्नी की सुनवाई भी शामिल थी.
वह शायद आखिरी पत्रकार थीं जिन्होंने प्रमुख विपक्षी नेता की मौत से कुछ समय पहले उनकी तस्वीरें लीं. कई अन्य लोगों की तरह फवोर्स्काया भी इस नजरिए का समर्थन करती हैं कि नावाल्नी की हत्या रूसी प्रशासन ने की थी.
फवोर्स्काया, जिनका असली नाम अंतोनिना क्रावत्सोवा है, को मार्च 2024 में गिरफ्तार किया गया था. तब से उनके समर्थकों ने उनके कुछ पत्र 'टेलीग्राम' ऐप पर प्रकाशित किए हैं, जिनमें उन्होंने बताया कि जोखिम के बावजूद वह रूस में क्यों रहीं. वह लिखती हैं- "मुझे अपने लोगों पर भरोसा है. (...) और मुझे यकीन है कि अंत में इतिहास सब कुछ सही कर देगा."
इसके बावजूद, पत्रकार ने रूस में सेंसरशिप के बारे में खुलकर लिखा: "मेरे हाथ बंधे हैं और मेरा मुंह सिला हुआ है."
आर्त्योम क्रीगर, 24
फवोर्स्काया की तरह, आर्त्योम क्रीगर भी सोता'विजन के लिए काम करते थे, जो एक स्वतंत्र रूसी न्यूज संस्था है और मुख्य रूप से मानवाधिकार उल्लंघन, विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक मुकदमों को कवर करती है. क्रीगर को जून 2024 में एक अतिवादी समूह की गतिविधियों में भाग लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
पत्रकारों से बात करते हुए, क्रीगर ने बताया कि उन पर लगाए गए आरोपों में एक गली-सर्वेक्षण (लोगों से आमने-सामने बात) की रिकॉर्डिंग में भाग लेना शामिल था, जिसे उन्होंने बाद में यूट्यूब पर पोस्ट किया था.
डीडब्ल्यू को लिखे एक पत्र में क्रीगर ने कहते हैं कि जेल में रहना उनके लिए मुश्किल था. लेकिन वह उम्मीद बनाए रखने की कोशिश कर रहे थे. बंद दरवाजों के पीछे मुकदमे की शुरुआत से पहले क्रीगर ने उन रूसियों से देश छोड़ने का आह्वान किया जिन्हें अपनी स्वतंत्रता खो जाने का डर था: "आप हमसे (हमारे मामले से) देख सकते हैं कि यह कोई मजाक नहीं है. किसी पर भी, कुछ भी आरोप लगाया जा सकता है."
कॉन्स्टेंटिन गाबोव, 38
कॉन्स्टेंटिन गाबोव एक फ्रीलांस प्रोड्यूसर हैं जिन्होंने कई एजेंसियों के साथ काम किया है. इनमें अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स और अमेरिका से फंडिंग पाने वाला प्रसारक रेडियो लिबर्टी शामिल हैं.
गाबोव ने कुछ समय के लिए डीडब्ल्यू के मॉस्को ब्यूरो में भी किया है. उन्हें अप्रैल 2024 में गिरफ्तार किया गया था और एक अतिवादी समूह में हिस्सा लेने का आरोप लगाया गया. उन पर 'फाउंडेशन फॉर फाइटिंग करप्शन' की ओर से चलाए जा रहे यूट्यूब चैनल के लिए एक वीडियो बनाने का आरोप है. अपने पत्रों में गाबोव अक्सर जेल में अपने अनुभवों और समय कितना धीरे-धीरे बीतता है, इस बारे में लिखते हैं.
एक दोस्त ने हाल ही में बताया कि गाबोव "लिखते हैं कि जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं, वह और ज्यादा थक रहे हैं. और उनका इस केस से कोई लेना-देना नहीं है." (....) "वह कहते हैं कि रूस में चीजें ऐसे ही चलती हैं. पहले वे आपको गिरफ्तार करते हैं, फिर जांच शुरू करते हैं."
2024 के आखिर में डीडब्ल्यू को एक पत्र की प्रति मिली, जिसमें गाबोव ने जेल के अपने सेल में भीड़ होने की शिकायत की थी. उन्हें अमानवीय स्थितियों में रखे जाने की व्यापक मीडिया रिपोर्टिंग के बाद, गाबोव को एक अलग सेल में रखा गया.
गाबोव अक्सर उन छोटी-छोटी चीजों के बारे में लिखते हैं जो जेल में उनका मनोबल बढ़ाने में मदद करती हैं. जैसे कि उनकी खिड़की से यौसा नदी का नजारा या एक कप कॉफी. भले उनके दोस्त कहते हैं कि उन्होंने जेल में ना तो आशान्वित रहने का भाव खोया है और ना ही व्यंग्य की बोध, वह चिंता के साथ दर्ज करते हैं कि उन्होंने कुछ और खोया है. वजन. तीन महीने में लगभग 12 किलो.
सर्गेई कारेलिन, 42
कैमरामैन सर्गेई कारेलिन अप्रैल 2024 से रूसी जेल में हैं. उन्हें रूस के उत्तरी मुरमांस्क इलाके में गिरफ्तार किया गया था. उन पर एक अतिवादी संगठन की सदस्यता का आरोप लगाया गया था. गाबोव की तरह, कारेलिन पर भी नावाल्नी के भ्रष्टाचार विरोधी फाउंडेशन के यूट्यूब चैनल के लिए कंटेंट तैयार करने का आरोप लगाया गया था. उन्होंने भी इन आरोपों से इनकार किया है. कारेलिन ने लंबे समय तक डीडब्ल्यू के मॉस्को ब्यूरो के लिए काम किया है. रूसी विदेश मंत्रालय ने 2022 में डीडब्ल्यू का प्रसारण लाइसेंस रद्द कर दिया था और संस्थान को अपना कार्यालय बंद करने के लिए मजबूर किया. कारेलिन ने एसोसिएटेड प्रेस जैसी अन्य एजेंसियों के लिए भी काम किया है.
एक पत्रकार के रूप में कारेलिन अक्सर पीनल कॉलोनियों और हिरासत केंद्रों का दौरा करते थे. स्वतंत्र रूसी अखबार 'नोवाया गाजेता' ने बताया कि अब, खुद सलाखों के पीछे, कारेलिन कहते हैं कि "उम्मीद न खोना बहुत मुश्किल है."
डीडब्ल्यू को लिखे एक पत्र में कारेलिन ने लिखा कि हालात के बावजूद, वह हिरासत में रहते हुए खुद को व्यस्त रख पाए. उन्होंने कहा कि वह डायरी लिखते हैं, बहुत पढ़ते हैं, शतरंज खेलते हैं, और उन्हें मिलने वाले कई पत्रों का जवाब देते हैं. कारेलिन कहते हैं कि उन्हें अजनबियों तक से पत्राचार करना अच्छा लगता है. वह लिखते हैं, "मुझे अच्छा लगता है जब लोग अपनी तस्वीरें भेजते हैं. मैं उन्हें अपने सामने रखता हूं और ऐसा लगता है जैसे मैं सीधे उनसे बात कर रहा हूं." कारेलिन, जो कहते हैं कि अपनी गिरफ्तारी के बाद से वह 13 अलग-अलग सेलों (कोठरियों) में रह चुके हैं, यह भी कहते हैं कि इस दौरान वह "कई स्थितियों में रहे हैं."
कारेलिन के पास इस्राएली नागरिकता भी है. उन्होंने कहा कि वह फैसले से नहीं डरते, भले ही उन्हें उम्मीद नहीं है कि यह उनके पक्ष में होगा. वह अपने परिवार से मिलने के लिए तरसते हैं और चिंतित हैं कि यह केवल एक (कैदी) आदान-प्रदान में ही संभव हो सकता है. लेकिन उन्होंने कहा कि वह रूस में आजाद होना चाहते हैं. उन्होंने लिखा कि उनके 101 वर्ष के दादा और 3 साल की बेटी- सोचते हैं कि वह व्यापार के लिए बाहर गए हैं: "मुझे चिंता है कि मैं अपने दादा-दादी को अब नहीं देख पाऊंगा."
'हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी'
डीडब्ल्यू के यूरी रेशेतो, जो फिलहाल लाटविया की राजधानी रीगा में डीडब्ल्यू के ब्यूरो प्रमुख हैं, पहले डीडब्ल्यू के मॉस्को ब्यूरो के प्रमुख थे. वह अपने पूर्व सहयोगियों के साथ काम करने की स्मृतियों को प्यार से याद करते हैं. "मैं कॉन्स्टेंटिन गाबोव और सर्गेई कारेलिन को बहुत अच्छी तरह जानता हूं (....) हम सर्गेई कारेलिन के साथ बहुत यात्रा करते थे और एक व्यावसायिक यात्रा में हम रीगा आए." रेशेतो ने कहा, "उस समय, हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि मैं यहां पहुंच जाऊंगा और [वे] जेल में होंगे."
उन्होंने कहा, "लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि वे दोनों पत्रकार के रूप में अपने काम के लिए सच्चे रहेंगे.यह बात कि उन्हें गिरफ्तार किया गया था, यह दर्शाती है कि पत्रकारिता के मानकों को बनाए रखते हुए और पत्रकारिता की आचार संहिता का पालन करते हुए [रूस में] अपने काम में खुला, ईमानदार और भ्रष्टाचार मुक्त रहना नामुमकिन है. और यही हमारे काम का आधार है."