देश की खबरें | पांच लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में निर्दलीय विधायक के दो बेटों सहित चार गिरफ्तार
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जयपुर, 24 सितंबर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने पांच लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में शुक्रवार देर रात चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक निर्दलीय विधायक के दो बेटे और एक प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) शामिल है।
एसीबी के महानिदेशक भगवान लाल सोनी ने शनिवार को यहां बताया कि शुक्रवार देर रात जयपुर-अलवर में विभिन्न जगहों पर एक साथ कार्रवाई करते हुए बीडीओ नेतराम और मध्यस्थ लोकेश मीणा, कृष्णकांत मीणा तथा जय प्रताप सिंह को परिवादी से पांच लाख रुपये रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने बताया कि इनमें लोकेश एवं कृष्णकांत थानागाजी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक कांति प्रसाद मीणा के बेटे हैं।
विधायक मीणा ने संवाददाताओं से कहा कि उनके बेटों को साजिश के तहत फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि ठेकेदार की मंशा गलत है, ठेकेदार ने हमसे उधार पर पैसा लिया था और उसे वापस करना पड़ा, लेकिन ठेकेदार ने उसे वापस करने के बजाय मेरे बेटों को एसीबी से पकड़वा दिया।
ब्यूरो के बयान के अनुसार परिवादी ने शिकायत दी है कि उसकी कंपनी को राजगढ़ क्षेत्र में ट्यूबवेल खुदाई के लिए किए गए कार्यों के लिए 14 लाख रुपये के बकाये का भुगतान किया जाना है।
परिवादी ने आरोप लगाया है कि आरोपी लोकेश मीणा और जयप्रताप सिंह द्वारा बकाया भुगतान के एवज में कमीशन के रूप में बीडीओ नेतराम के नाम पर नौ लाख रुपये की रिश्वत की मांग कर उसे परेशान किया जा रहा है।
एसीबी ने शिकायत के सत्यापन के लिए जयपुर-अलवर में एक साथ कार्रवाई करते हुए लोकेश मीणा की निशानदेही पर जयपुर में उसके बड़े भाई कृष्णकांत मीणा को परिवादी से पांच लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
अधिकारियों के मुताबिक, इस मामले में एसीबी की तीन अलग-अलग टीमों ने आरोपी बीडीओ नेतराम, मध्यस्थ लोकेश मीणा और जय प्रताप सिंह को भी गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि चारों आरोपियों से पूछताछ जारी है।
वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने इसको लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। पूनियां ने ट्वीट किया,' कांग्रेस सरकार के शासन में भ्रष्टाचार की राजधानी बना राजस्थान। (मुख्यमंत्री अशोक) गहलोत जी की भ्रष्टाचार के विरूद्ध कत्तई बर्दाश्त नहीं की नीति; कुर्सी के लिए सब जायज है, बस कुर्सी बची रहे।'
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