विदेश सचिव श्रृगंला ने कोविड-19 को लेकर अमेरिकी उप विदेश मंत्री बीगन से बात की

भारत ने कोरोना वायरस के चलते बढ़ती मांग के बीच अमेरिका और अन्य कई देशों को मलेरिया-रोधी दवा हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्विन भेजने का फैसला किया है, जिसके बाद भारत और अमेरिका के बीच हुई यह पहली उच्चस्तरीय वार्ता है।

नयी दिल्ली, आठ मार्च विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कोविड-19 को लेकर अमेरिकी उप विदेश मंत्री स्टीफन ई बीगन से फोन पर बात की।

भारत ने कोरोना वायरस के चलते बढ़ती मांग के बीच अमेरिका और अन्य कई देशों को मलेरिया-रोधी दवा हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्विन भेजने का फैसला किया है, जिसके बाद भारत और अमेरिका के बीच हुई यह पहली उच्चस्तरीय वार्ता है।

सरकारी सूत्रों ने कहा कि श्रृंगला और बीगन के बीच बातचीत में महामारी का मुकाबला करने और इसे नियंत्रित करने के लिए सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा हुई।

दोनों देशों ने कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के तरीके और जानकारियां साझा करने की प्रतिबद्धता जतायी।

अमेरिका में कोरोना वायरस के संक्रमण से लगभग 12,500 लोगों की मौत हो चुकी है और 3 लाख 99 हजार से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं।

वहीं दुनिया भर में कोरोना वायरस 75 हजार लोगों की जान ले चुका है जबकि लगभग 14 लाख लोग इससे संक्रमित हैं।

भारत इस वैश्विक महामारी से प्रभावित अमेरिका और कई अन्य देशों को हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवा भेज रहा है। इस दवा को कोरोना वायरस के संक्रमण के इलाज में कारगर बताया जा रहा है।

भारत ने पहले घरेलू खपत के मद्देनजर दूसरे देशों में इस दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति की पलटवार की चेतावनी के बाद इस पर से आंशिक रूप से प्रतिबंध हटा लिया गया।

ट्रंप ने कथित तौर पर कहा था कि अगर भारत इस दवा की आपूर्ति के अनुरोध को स्वीकार नहीं करता है तो अमेरिका पलटवार कर सकता है।

हालांकि सूत्रों का कहना है कि ट्रंप की चेतावनी से काफी पहले सोमवार की शाम ही इसके निर्यात पर लगी पाबंदी में छूट देने का फैसला ले लिया गया था।

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