देश की खबरें | सर्दियों में ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए पटरियों की अत्याधुनिक मशीनों से की जा रही जांच
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राजस्थान में सर्दियों में ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए पटरियों की जांच में अत्याधुनिक अल्ट्रासाउंड मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। रेलवे ने शनिवार को यह जानकारी दी।
जयपुर, नौ नवंबर राजस्थान में सर्दियों में ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए पटरियों की जांच में अत्याधुनिक अल्ट्रासाउंड मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। रेलवे ने शनिवार को यह जानकारी दी।
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इसके साथ ही लोको पायलटों को विशेष ‘फॉग सेफ्टी’ उपकरण दिए जा रहे हैं।
रेलवे प्रवक्ता ने बताया कि सर्दियों के मौसम में ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इसके तहत रेल संचालन से जुड़े कर्मचारियों को विशेष निर्देश के साथ-साथ बाधा रहित ट्रेन संचालन में उपयोगी उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार, सर्दियों के मौसम में कोहरे और रेल पटरी में दरार के कारण ट्रेन संचालन में नियमित अवरोध बना रहता है, जिसकी वजह से ट्रेनें कई घंटों तक विलंब से चलती है। अधिकारी ने बताया कि इससे बचने और एहतियाती उपायों के तहत रेलवे ने विशेष सुरक्षा अभियान में उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा लोको पायलटों को इंजन में उपयोग हेतु ‘फॉग सेफ्टी डिवाइस’ दिए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अभी तक चारों मंडलों को कुल 875 ऐसे डिवाइस दिए जा चुके हैं।
शशि किरण ने बताया कि लोको पायलटों को कोहरे के समय ट्रेनों की गति 60 से 75 किलोमीटर प्रति घंटे अथवा अपने विवेकानुसार निम्नतम बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि संकेतों की सूचना दर्शाने वाले बोर्डों को दोबारा पेंट किया जा रहा है और चमकीली पट्टी लगाई जा रही है।
किरण ने बताया कि कोहरे के समय दृश्यता कम होने पर लोको पायलटों की सहायता के लिए स्टेशन मास्टरों द्वारा ‘विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट’ (वीटीओ) के उपयोग के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि इससे लोको पायलटों को स्टेशन पास होने की जानकारी मिलेगी।
अधिकारी ने बताया कि सर्दियों में जिन स्थानों पर प्राय: पटरियों में दरार की सम्भावना होती है वहां अत्यधिक सावधानियां बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि पटरियों की गहनता से जांच की जा रही है और इसके लिए अत्याधुनिक अल्ट्रासाउंड मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
किरण ने बताया कि साथ ही ऐसे इलाकों में सर्दी के मौसम में विशेष गश्त की जा रही है।
उन्होंने बताया कि रेल पटरी में दरार होने पर तुरंत मरम्मत के अतिरिक्त सामग्रियों और उपकरणों का जगह जगह भंडार बनाया गया है ताकि रेल परिचालन को जल्द से जल्द बहाल किया जा सके।
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