देश की खबरें | ईआरसीपी परियोजना राज्य का हक, काम नहीं रुकेगा: गहलोत

जयपुर, छह जुलाई राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) का काम रोकने संबंधी पत्र को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा।

गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य को परियोजना का काम रोकने को नहीं कह सकती क्योंकि यह राज्य का विषय है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ईआरसीपी परियोजना राज्य का हक है और इसका काम नहीं रुकेगा चाहे केंद्र इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दे या नहीं दे।

वह कांग्रेस प्रदेश समिति द्वारा केंद्र सरकार से ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग के समर्थन में यहां आयोजित कांग्रेस जनप्रतिनिधि सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

गहलोत ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘अगर भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं किया तो भी राज्य सरकार इसे पूरा करेगी। रुकेगी नहीं।’’

उन्होंने ईआरसीपी परियोजना से जुड़े काम रोकने को लेकर राज्य को पत्र लिखे जाने को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। गहलोत ने कहा, ‘‘पानी हमारा है, कैचमेंट एरिया हमारा है, हम अपने साधन लगा रहे हैं ... 9600 करोड़ रुपये हम दे रहे हैं तो आप होते कौन हैं इसे बंद करने को कहने वाले? मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछना चाहता हूं कि आपकी सरकार के मंत्रालय ने हमें क्यों लिखा कि काम बंद कर दीजिए?’’

गहलोत ने कहा,‘‘ पानी राज्य का विषय होता है केंद्र का नहीं। आपने कह दिया बंद कर दीजिए... मैं आप सबके सामने कहना चाहता हूं कि मैं इसे बंद नहीं करने वाला हूं।’’

गहलोत के अनुसार केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के सचिव ने राजस्थान के मुख्य सचिव को पत्र लिखा कि राजस्थान सरकार द्वारा ईआरसीपी से जुड़े किसी भी हिस्से में कार्य संपादित नहीं किया जाए। पत्र में अंतरराज्यीय मुद्दों पर सहमति न बनने को कारण बताकर काम रोकने के लिए कहा गया।

उन्होंने कटाक्ष किया,‘‘ये खतरनाक लोग हैं। इस परियोजना में भी कोई कमी निकालकर ईडी , सीबीआई भेज देंगे ... दबाव बनाने के लिए। लेकिन हम डरने वाले नहीं है कुछ भी कर लो काम आगे बढ़ेगा।’’

इससे पहले गहलोत ने कहा कि पार्टी इस योजना को लेकर अभियान चलाएगी और आम जनता को जोड़गी ताकि प्रधानमंत्री पर दबाव पड़े और उन्हें इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना ही पड़े।

उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री से कहना चाहते हैं कि हमारी इसमें कोई राजनीति नहीं है। हम चाहते हैं कि 13 जिलों के लिए महत्वपूर्ण इस योजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिले।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो बार, जयपुर व अजमेर में बैठक में इस परियोजना पर संवेदनशीलता व सकारात्मक रूख से विचार करने की घोषणा की थी, लेकिन इसके बाद कुछ नहीं हुआ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने सीमित संसाधनों के बावजूद राज्य सरकार ने इस परियोजना पर काम जारी रखा है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार व मुख्यमंत्री लगातार ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना को दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। परियोजना 37000 करोड़ रुपये से अधिक की है इससे राज्य के 13 जिलों में पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

उन्होंने कहा कि देश में 16 परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा है तो क्या राजस्थान की एक परियोजना को ऐसा दर्जा नहीं मिल सकता। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास सीमित साधन हैं, तब भी मैंने योजना के महत्व को देखते हुए 2022-23 के बजट में 9600 करोड़ रुपये इस परियोजना के लिए रखे हैं।’’

उन्होंने कहा कि परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया जाना राज्य का हक है। गहलोत ने कहा, ‘‘कोई भीख नहीं मांग रहे, हम अपना हक मांग रहे हैं।'

अपने संबोधन में गहलोत ने इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दिलवा पाने के लिए राज्य से भाजपा के सांसदों, विशेषकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधा।

सम्मेलन को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव व राजस्थान प्रभारी अजय माकन, कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, राज्य सरकार में मंत्री महेश जोशी, प्रताप सिंह खाचरियावास, गोविंद मेघवाल सहित अनेक नेताओं ने संबोधित किया। प्रस्तावित ईआरसीपी योजना से लाभान्वित होने वाले जिले भरतपुर, अलवर, कोटा, बारां, झालावाड़, सवाई माधोपुर, टोंक, अजमेर, जयपुर, दौसा, करौली, बूंदी एवं धौलपुर के कांग्रेस विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

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