Bihar: क्रांतिकारी खुदीराम बोस एवं प्रफुल्ल चाकी के स्मारक को बिजली विभाग का नोटिस

बिहार सरकार की एक विद्युत कंपनी ने क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी के मुजफ्फरपुर स्थित एक स्मारक को बिजली आपूर्ति काटने का नोटिस भेजकर विवाद खड़ा कर दिया है.

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits Unsplash)

मुजफ्फरपुर (बिहार), 22 फरवरी : बिहार सरकार की एक विद्युत कंपनी ने क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी के मुजफ्फरपुर स्थित एक स्मारक को बिजली आपूर्ति काटने का नोटिस भेजकर विवाद खड़ा कर दिया है. यह नोटिस ऐसे समय में भेजा गया है, जब देश स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के उपलब्ध में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है. उत्तर बिहार विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (एनबीपीडीसीएल) ने बोस और चाकी के स्मारक को 15 फरवरी को नोटिस जारी किया और कहा कि ‘स्मारक स्थान’ सात दिन के भीतर 1.36 लाख रुपये के बकाया बिल का भुगतान करे, अन्यथा उसका बिजली का कनेक्शन काट दिया जाएगा.

उप-मंडलीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम-पूर्व) ज्ञान प्रकाश ने कहा, ‘‘यह कंप्यूटर जनित नोटिस है ... यह कोई तकनीकी त्रुटि हो सकती है. मामले की जांच की जाएगी. स्मारक का रखरखाव करने वाला संगठन बिजली बिल का पिछले कई महीनों से भुगतान नहीं कर रहा है.’’ बहरहाल, स्थानीय लोगों ने स्मारक को नोटिस भेजे जाने पर हैरानी जताई और कहा कि इस तरह का नोटिस उस संगठन को भेजा जाना चाहिए था जो इसका रख रखाव करता है. यह भी पढ़ें : मेघालय चुनाव: वि.स. अध्यक्ष सबसे अमीर उम्मीदवार, कुल संपत्ति बढ़कर 146 करोड़ रुपये हुई

इस बारे में बात करने के लिए कई बार प्रयास करने के बावजूद एनबीपीडीसीएल के अधिकारियों से संपर्क नहीं हो सका.

उल्लेखनीय है कि बोस ने चाकी के साथ मिलकर एक ब्रिटिश न्यायाधीश मजिस्ट्रेट डगलस किंग्सफोर्ड की हत्या करने का प्रयास किया था और 1908 में मुजफ्फरपुर में किंग्सफोर्ड की गाड़ी पर बम फेंका था. चाकी ने पुलिस के उन्हें गिरफ्तार करने से पहले स्वयं को गोली मार कर अपनी जान दे दी थी, जबकि बोस को गिरफ्तार करके फांसी की सजा दी गई थी.

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