Close
Search

UP: इलाहबाद HC की लखनऊ खंडपीठ का बड़ा फैसला, तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को भी गुजारा भत्ता पाने का अधिकार

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने मुस्लिम महिलाओं के हक में महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा है कि तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को भी दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 125 के तहत पति से गुजारा भत्ता पाने का अधिकार है और वे इद्दत की अवधि के पश्चात भी इसे प्राप्त कर सकती हैं.

एजेंसी न्यूज Bhasha|
VIDEO: महोबा के सरकारी अस्पताल में मरीज खुद लगा रहा इंजेक्शन, वीडियो वायरल होते ही मचा हड़कंप; व्यवस्था पर उठे सवाल
  • Greater Noida Shocker: इकोविलेज-1 में बिजली कटौती की शिकायत पर सोसायटी स्टाफ ने निवासियों को डंडों से पीटा, वीडियो वायरल होने के बाद 4 गिरफ्तार
  • Close
    Search

    UP: इलाहबाद HC की लखनऊ खंडपीठ का बड़ा फैसला, तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को भी गुजारा भत्ता पाने का अधिकार

    इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने मुस्लिम महिलाओं के हक में महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा है कि तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को भी दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 125 के तहत पति से गुजारा भत्ता पाने का अधिकार है और वे इद्दत की अवधि के पश्चात भी इसे प्राप्त कर सकती हैं.

    एजेंसी न्यूज Bhasha|
    UP: इलाहबाद HC की लखनऊ खंडपीठ का बड़ा फैसला, तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को भी गुजारा भत्ता पाने का अधिकार
    प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits ANI)

    लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ खंडपीठ ने मुस्लिम महिलाओं के हक में महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा है कि तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को भी दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 125 के तहत पति से गुजारा भत्ता पाने का अधिकार है और वे इद्दत की अवधि के पश्चात भी इसे प्राप्त कर सकती हैं.अदालत ने अपने निर्णय में यह भी स्पष्ट किया कि तलाकशुदा महिलाओं को यह अधिकार तब तक है जब तक वे दूसरी शादी नहीं कर लेतीं.

    न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की पीठ ने याचिकाकर्ता रजिया के आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर यह आदेश दिया। वर्ष 2008 में दाखिल इस पुनरीक्षण याचिका में प्रतापगढ़ के एक सत्र न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी. सत्र अदालत ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए कहा था कि मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम के आने के बाद याचिकाकर्ता और उसके पति का मामला इसी अधिनियम के अधीन होगा. यह भी पढ़े: अगर दंपति आपसी सहमति से तलाक चाहते हैं, तो 6 महीने की अलगाव अवधि वैध नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट

    सत्र अदालत ने कहा कि उक्त अधिनियम की धारा तीन एवं चार के तहत ही मुस्लिम तलाकशुदा पत्नी गुजारा भत्ता पाने की अधिकारी है. ऐसे मामलों में सीआरपीसी की धारा 125 लागू नहीं होती. पीठ ने सत्र अदालत के इस फैसले को निरस्त करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शबाना बानो मामले में दिए गए निर्णय के बाद यह तय हो चुका है कि मुस्लिम तलाकशुदा महिला धारा 125 के तहत इद्दत की अवधि के बाद भी गुजारा भत्ता पाने की अधिकारी है, जब तक कि वह दूसरी शादी नहीं कर लेती. ‘इद्दत’ का तात्पर्य महिला के पति की मौत अथवा तलाक के बाद एक निश्चित अवधि के लिए पर-पुरुष (जिनसे निकाह की संभावना हो) से दूर रहने से है.

    (यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

    एजेंसी न्यूज Bhasha|
    UP: इलाहबाद HC की लखनऊ खंडपीठ का बड़ा फैसला, तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को भी गुजारा भत्ता पाने का अधिकार
    प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits ANI)

    लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ खंडपीठ ने मुस्लिम महिलाओं के हक में महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा है कि तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को भी दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 125 के तहत पति से गुजारा भत्ता पाने का अधिकार है और वे इद्दत की अवधि के पश्चात भी इसे प्राप्त कर सकती हैं.अदालत ने अपने निर्णय में यह भी स्पष्ट किया कि तलाकशुदा महिलाओं को यह अधिकार तब तक है जब तक वे दूसरी शादी नहीं कर लेतीं.

    न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की पीठ ने याचिकाकर्ता रजिया के आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर यह आदेश दिया। वर्ष 2008 में दाखिल इस पुनरीक्षण याचिका में प्रतापगढ़ के एक सत्र न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी. सत्र अदालत ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए कहा था कि मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम के आने के बाद याचिकाकर्ता और उसके पति का मामला इसी अधिनियम के अधीन होगा. यह भी पढ़े: अगर दंपति आपसी सहमति से तलाक चाहते हैं, तो 6 महीने की अलगाव अवधि वैध नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट

    सत्र अदालत ने कहा कि उक्त अधिनियम की धारा तीन एवं चार के तहत ही मुस्लिम तलाकशुदा पत्नी गुजारा भत्ता पाने की अधिकारी है. ऐसे मामलों में सीआरपीसी की धारा 125 लागू नहीं होती. पीठ ने सत्र अदालत के इस फैसले को निरस्त करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शबाना बानो मामले में दिए गए निर्णय के बाद यह तय हो चुका है कि मुस्लिम तलाकशुदा महिला धारा 125 के तहत इद्दत की अवधि के बाद भी गुजारा भत्ता पाने की अधिकारी है, जब तक कि वह दूसरी शादी नहीं कर लेती. ‘इद्दत’ का तात्पर्य महिला के पति की मौत अथवा तलाक के बाद एक निश्चित अवधि के लिए पर-पुरुष (जिनसे निकाह की संभावना हो) से दूर रहने से है.

    (यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

    शहर पेट्रोल डीज़ल
    New Delhi 96.72 89.62
    Kolkata 106.03 92.76
    Mumbai 106.31 94.27
    Chennai 102.74 94.33
    View all
    Currency Price Change