नयी दिल्ली, चार नवंबर दिल्ली की एक अदालत छह नवंबर को यह तय करेगी कि दिल्ली वक्फ बोर्ड मामले में आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया जाए या नहीं।
विशेष न्यायाधीश जितेन्द्र सिंह ने सोमवार को आदेश सुरक्षित रखते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष की शिकायत (ईडी के आरोपपत्र के समकक्ष) विस्तृत है और अदालत को इसकी जांच के लिए और समय चाहिए।
ईडी ने 29 अक्टूबर को 110 पृष्ठों का पहला पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें दावा किया गया था कि खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार के माध्यम से कथित रूप से अर्जित धन का शोधन किया है।
आरोप पत्र में मरियम सिद्दीकी का नाम आरोपी के तौर पर दर्ज है, जिसे ईडी ने गिरफ्तार नहीं किया था।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने दावा किया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत दर्ज मामले में खान और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
खान की जमानत याचिका पर सात नवंबर को सुनवाई होनी है।
ईडी ने दिल्ली के ओखला इलाके में उनके आवास की तलाशी लेने के बाद पीएमएलए के प्रावधानों के तहत दो सितंबर को खान को गिरफ्तार किया था और दावा किया था कि पूछताछ करने पर वह ‘टालमटोल’ में लगे रहे।
खान के खिलाफ धन शोधन की जांच दो प्राथमिकियों पर आधारित है - वक्फ बोर्ड में कथित अनियमितताओं के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो का मामला और दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई द्वारा दर्ज कथित आय से अधिक संपत्ति का मामला।
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