विदेश की खबरें | गाजा में सहायताकर्मियों की मौत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा, राहत समूहों ने खाद्य आपूर्ति रोकी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. ‘वर्ल्ड सेंट्रल किचन’ परमार्थ संगठन के कर्मियों की मौत से उत्तरी गाजा में मदद के लिए साइप्रस से सहायता पहुंचाए जाने के वास्ते एक समुद्री गलियारा खोलने के अमेरिका और अन्य देशों के प्रयासों को झटका लगने का खतरा है।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

‘वर्ल्ड सेंट्रल किचन’ परमार्थ संगठन के कर्मियों की मौत से उत्तरी गाजा में मदद के लिए साइप्रस से सहायता पहुंचाए जाने के वास्ते एक समुद्री गलियारा खोलने के अमेरिका और अन्य देशों के प्रयासों को झटका लगने का खतरा है।

इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस हमले पर ‘‘नाराजगी’’ जताते हुए इजराइल की निंदा की और कहा कि उसने आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए ‘‘पर्याप्त कदम नहीं’’ उठाए।

उन्होंने कहा, ‘‘इजराइल ने नागरिकों को अत्यावश्यक मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहे सहायता कर्मियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए।’’

उन्होंने कहा कि वह सहायता कर्मियों की हत्या की घटना से ‘‘क्रोधित और दुखी’’ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कल जो घटना हुई, वह कतई नहीं होनी चाहिए।’’

इस हमले को समुद्र के रास्ते गाजा तक सहायता पहुंचाने की कोशिश के लिए झटका माना जा रहा है जहां इजराइल हमास के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है।

हमले के तुरंत बाद साइप्रस के एक अधिकारी ने बताया कि राहत सामग्री के साथ भेजे गए जहाज वापस लौट रहे हैं और करीब 240 टन राहत सामग्री जहाज से नहीं उतारी जा सकी।

अन्य मानवीय सहायता संगठनों ने भी गाजा में अपने अभियान यह कहते हुए निलंबित कर दिए कि क्षेत्र में मदद करना बहुत खतरनाक है।

गाजा में इजराइल के हवाई हमलों में ‘वर्ल्ड सेंट्रल किचन’ परमार्थ समूह के लिए काम करने वाले छह अंतरराष्ट्रीय सहायता कर्मियों और उनके फलस्तीनी वाहन चालक की मौत हो गई। मारे गए इन लोगों में ब्रिटेन के तीन नागरिक हैं जबकि फलस्तीन, ऑस्ट्रेलिया और पोलैंड का एक-एक व्यक्ति है। एक व्यक्ति अमेरिका-कनाडा की दोहरी नागरिकता वाला है।

इजराइल के सैन्य प्रमुख ने कहा है कि इजराइली हमले में हुई सात सहायता कर्मियों की मौत का कारण जटिल परिस्थितियों में उनकी ‘‘गलत पहचान किया जाना था।’’

लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी ने बुधवार तड़के प्रारंभिक जांच के परिणामों के बारे में बताते हुए हमले में सहायता कर्मियों के मारे जाने पर खेद व्यक्त किया और इस घटना को एक ‘‘गंभीर गलती’’ बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक गलती थी जो रात में बहुत जटिल परिस्थितियों में युद्ध के दौरान उनकी गलत पहचान किए जाने के बाद हुई। ऐसा नहीं होना चाहिए था।’’

उन्होंने कहा कि एक स्वतंत्र संस्था मामले की ‘‘गहन जांच’’ करेगी।

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्वीकार किया है कि उनकी सेना द्वारा किए गए हमले में सात सहायता कर्मियों की मौत हुई है।

अमेरिका, ब्रिटेन, पोलैंड, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने इन हमलों को लेकर इजराइल की निंदा करते हुए उससे इस मामले में स्पष्टीकरण देने को कहा है।

एपी

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