16 श्रमिकों की मौत: न्यायालय में कामगारों के लिये आवास, खाना और परिवहन सुविधा के लिए याचिका
इस आवेदन मे कहा गया है कि तमाम कठिनाइयों से रूबरू हो रहे ये प्रवासी कामगार अब किसी न किसी तरह अपने पैतृक घर पहुंचना चाहते हैं। इसी कड़ी में इन श्रमिकों का एक समूह रेल लाइन के किनारे किनारे मध्म प्रदेश लौट रहा था कि थकान की वजह से वे रेलवे लाइन पर ही सो गये। इसी बीच, एक मालगाड़ी ऊपर से निकल गयी जिसमे 16 श्रमिकों की मृत्यु हो गयी।
नयी दिल्ली, आठ मई महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मालगाड़ी से कटकर 16 श्रमिकों की मौत की घटना के मद्देनजर प्रवासी कामगारों की परेशानियों के निजात के लिये उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को एक नयी अर्जी दायर की गयी है। न्यायालय द्वारा निस्तारित की जा चुकी एक याचिका में दायर इस अर्जी में केन्द्र को सभी जिलाधिकारियों को जगह जगह फंसे प्रवासी मजदूरों की पहचान करने और उन्हें उनके पैतृक स्थान भेजने से पहले उनके लिये खाना, पानी, आवास और परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है ।
इस आवेदन मे कहा गया है कि तमाम कठिनाइयों से रूबरू हो रहे ये प्रवासी कामगार अब किसी न किसी तरह अपने पैतृक घर पहुंचना चाहते हैं। इसी कड़ी में इन श्रमिकों का एक समूह रेल लाइन के किनारे किनारे मध्म प्रदेश लौट रहा था कि थकान की वजह से वे रेलवे लाइन पर ही सो गये। इसी बीच, एक मालगाड़ी ऊपर से निकल गयी जिसमे 16 श्रमिकों की मृत्यु हो गयी।
अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने इस आवेदन में केन्द्र के पहले के उस बयान का हवाला दिया है जिसमे कहा गया था कि किसी भी व्यक्ति को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिये सड़कों पर पैदल जाने की अनुमति नहीं है और सरकारें इन प्रवासी कामगारों को पर्याप्त सुविधायें उपलब्ध करायेंगी।
इस आवेदन में औरंगाबाद के गढ़ेजलगांव में आज सवेरे हुयी हृदय विदारक घटना का जिक्र करते हुये कहा गया है कि इसके लिये केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा जाये कि न्यायालय के आदेश के बावजूद इस तरह की ट्रेन दुर्घटनाओं से बचने के लिये कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया गया।
आवेदन के अनुसार इस हादसे का शिकार हुये श्रमिक मध्य प्रदेश के शहडोल ओर उमरिया जिले के रहने वाले थे। वे महाराष्ट्र के जालना से औरंगाबाद रेलवे स्टेशन ट्रेन में सवार होने जा रहे थे। कई किलोमीटर पैदल चलने के बाद इन श्रमिकों ने सतना और करमाड के बीच रेलवे पटरियों पर ही आराम करने का फैसला किया और एक मालगाड़ी उन पर से गुजर गयी।
इससे पहले, न्यायालय ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के कल्याण के लिये उपायों की आवश्यकता को लेकर दायर जनहित याचिका का यह कहते हुये निस्तारण कर दिया था कि केन्द्र और राज्य सरकारें उन्हें राहत प्रदान करने के लिये उचित कदम उठा रही हैं।
अनूप
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