देश की खबरें | कोविड के टीके पर डीसीजीआई ने कहा, नया साल संभवत: बहुत शुभ होगा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) वी.जी. सोमानी ने बृहस्पतिवार को इस बात का संकेत दिया कि भारत में नये साल में कोविड-19 का टीका आ सकता है।

देश की खबरें | कोविड के टीके पर डीसीजीआई ने कहा, नया साल संभवत: बहुत शुभ होगा
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 31 दिसंबर भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) वी.जी. सोमानी ने बृहस्पतिवार को इस बात का संकेत दिया कि भारत में नये साल में कोविड-19 का टीका आ सकता है।

सोमानी ने यहां एक डिजिटल संगोष्ठी में कहा कि सबसे महत्वपूर्ण है कि उद्योग और अनुसंधान संगठन समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं।

उन्होंने कहा कि टीका विकसित करने पर काम कर रही इकाइयों को धन उपलब्ध कराया गया ।

सोमानी ने जैव-प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से किए गए प्रयासों का उल्लेख किया और कहा, ‘‘संभवत: नव वर्ष बहुत शुभ होगा जिसमें हमारे हाथ में कुछ होगा। फिलहाल मैं यही संकेत दे सकता हूं।’’

उल्लेखनीय है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, भारत बायोटेक और फाइजर ने डीसीजीआई के समक्ष आवेदन दिया है कि उनके टीके के आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति प्रदान की जाए। ये कंपनियां अनुमति मिलने की प्रतीक्षा कर रही हैं।

सोमानी के मुताबिक, महामारी के मद्देनजर आवेदकों को अनुमति प्रदान करने की पक्रिया तेजी से चल रही है तथा साथ ही पूरे डाटा की प्रतीक्षा किए बिना ही पहले और दूसरे चरण के परीक्षणों को अनुमति दी गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘डाटा की सुरक्षा या इसके कारगर होने के संदर्भ में कोई समझौता नहीं किया गया है। सिर्फ यह बात है कि नियामक ने आंशिक डाटा को स्वीकार किया है।’’

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के विशेषज्ञों की समिति ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल की अनुमति देने के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के आग्रह और ‘कोवैक्सीन’ के आपात इस्तेमाल को अनुमति देने के भारत बायोटेक के आग्रह पर विचार करने के लिए बुधवार को बैठक की तथा अब यह समिति एक जनवरी को फिर से बैठक करेगी।

कोविड-19 संबंधी विशेषज्ञ समिति ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक द्वारा सौंपे गए अतिरिक्त विवरण का विश्लेषण किया।

सोमानी ने टीके के आपात स्थिति में उपयोग के संदर्भ में कहा, ‘‘कुछ तय मापदंड हैं कि अगर हमें काफी हद तक सुरक्षा और कारगर होने का सीमिति या आंशिक डाटा मिलता है तो हम संबंधित टीके को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने की अनुमति देते हैं।’’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘टीके के आपात स्थिति में उपयोग के लिए आंशिक डाटा को स्वीकार करते हुए सुरक्षा, कारगर होने और गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाता।’’

मौजूदा समय पर छह टीकों का क्लीनिकल परीक्षण अलग अलग चरणों में चल रहा है। इनमें से चार को स्वदेशी रूप से विकसित किया जा रहा है।

हक

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