जरुरी जानकारी | द. कोरिया से आयातित लौह अयस्क पर दो साल के लिए शुल्क बढ़ाने की सिफारिश

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नयी दिल्ली, पांच जून वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई डीजीटीआर ने मुक्त व्यापार समझौते के तहत आयात में तेजी को देखते हुए दक्षिण कोरिया से इस्पात, निकल, कोबाल्ट मिश्र धातुओं में इस्तेमाल होने वाले फेरो मोलिब्डेनम पर सीमा शुल्क बढ़ाने की सिफारिश की है।

दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) जनवरी, 2010 में लागू किया गया था।

पिछले साल अक्टूबर में भारत ने यह पता लगाने के लिए जांच शुरू की कि क्या दक्षिण कोरिया से आयात में तेजी से घरेलू उत्पादकों पर असर पड़ रहा है।

जांच समाप्त करने के बाद व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने कहा कि भारतीय उत्पादन और कुल आयात के संदर्भ में यह आयात बढ़ा है।

डीजीटीआर ने कहा कि सीमा शुल्क समाप्त किये जाने पर फेरो मोलिब्डेनम के आयात में वृद्धि हुई है। ...इसने एक अधिसूचना में कहा कि आयात की आने वाली खेप में वृद्धि के कारण घरेलू उद्योग की लाभप्रदता प्रभावित हुई है।

इसमें कहा गया है, ‘‘इस प्रकार द्विपक्षीय सुरक्षा उपाय की सिफारिश करना उचित माना जाता है ... महानिदेशक आयात पर सीमा शुल्क की दर बढ़ाने की सिफारिश करते हैं।’’

यह उपाय दो साल करने के लिए सिफारिश की गई है।

वर्ष 2021-22 में 25.6 अरब की तुलना में वर्ष 2022-23 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 27.9 अरब डॉलर का हो गया और व्यापार संतुलन कोरिया के पक्ष में झुका हुआ है।

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