देश की खबरें | पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ प्राथमिकी निरस्त करने याचिका पर न्यायालय में सुनवाई पूरी, फैसला बाद में

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ उनके एक यूट्यूब कार्यक्रम को लेकर हिमाचल प्रदेश में भाजपा के एक स्थानीय नेता द्वारा देशद्रोह और अन्य अपराधों के आरोप में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी निरस्त कराने के लिये दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई पूरी कर ली। इस याचिका पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, छह अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ उनके एक यूट्यूब कार्यक्रम को लेकर हिमाचल प्रदेश में भाजपा के एक स्थानीय नेता द्वारा देशद्रोह और अन्य अपराधों के आरोप में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी निरस्त कराने के लिये दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई पूरी कर ली। इस याचिका पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा।

न्यायमूर्ति उदय यू ललित और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से दुआ, हिमाचल प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता की दलीलें सुनने के बाद सभी पक्षकारों से कहा कि वे तीन दिन के भीतर अपने लिखित कथन पेश करें।

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शीर्ष अदालत ने 20 जुलाई को इस मामले में विनोद दुआ को किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से प्रदान संरक्षण की अवधि अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दी थी।

न्यायालय ने कहा था कि दुआ को इस मामले के संबंध में हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा पूछे जा रहे किसी भी पूरक सवाल का जवाब देने की जरूरत नहीं है।

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विनोद दुआ के खिलाफ उनके यूट्यूब कार्यक्रम के संबंध में छह मई को शिमला के कुमारसेन थाने में भाजपा नेता श्याम ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इसमें कहा गया था कि दुआ ने प्रधानमंत्री पर वोट पाने की खातिर मौत और आतंकी हमले का इस्तेमाल करने के आरोप लगाये थे। पुलिस ने विनोद दुआ को इस मामले की जांच में शामिल होने के लिये कहा था।

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने 14 जून को रविवार के दिन अप्रत्याशित सुनवाई करते हुये विनोद दुआ को अगले आदेश तक गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान कर दिया था लेकिन उसने उनके खिलाफ चल रही जांच पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।

न्यायालय ने दुआ से कहा था कि वह इस जांच में वीडियो कांफ्रेंसिंग या ऑनलाइन शामिल हों।

विनोद दुआ ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने और अनावश्यक परेशान करने के कारण ऐसा जुर्माना लगाने का अनुरोध किया था तो दूसरों के लिये नजीर हो।

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