देश की खबरें | अदालत की एक्स कॉर्प पर 50 लाख रुपये के जुर्माने पर रोक, बशर्ते कंपनी एक हफ्ते में 50% राशि जमा करे
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कर्नाटक उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को एकल न्यायाधीश की पीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें आईटी मंत्रालय के आदेशों का पालन नहीं करने के लिए एक्स कॉर्प (पूर्व में ट्विटर) पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। कंपनी को यह राहत तब मिलेगी जब वह एक सप्ताह के भीतर 50 प्रतिशत रकम (25 लाख रुपये) जमा कराएगी।
बेंगलुरु, 10 अगस्त कर्नाटक उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को एकल न्यायाधीश की पीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें आईटी मंत्रालय के आदेशों का पालन नहीं करने के लिए एक्स कॉर्प (पूर्व में ट्विटर) पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। कंपनी को यह राहत तब मिलेगी जब वह एक सप्ताह के भीतर 50 प्रतिशत रकम (25 लाख रुपये) जमा कराएगी।
अदालत ने कहा कि यह जमा राशि एक्स कॉर्प के लिए अपनी प्रामाणिकता प्रदर्शित करने के लिए है।
एकल न्यायाधीश के आदेश पर सुनवाई की अगली तारीख तक रोक रहेगी, जिसने एक्स कॉर्प को 14 अगस्त तक 50 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया था।
अदालत ने कहा, “ऐसे में, 25 लाख रुपये जमा करने पर, एकल न्यायाधीश की पीठ के आदेश पर अगली सुनवाई की तारीख तक रोक लगाई जाती है।”
मुख्य न्यायाधीश प्रसन्न बी. वराले और न्यायमूर्ति एम.जी.एस. कमल की खंडपीठ न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित के आदेश के खिलाफ माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने ट्वीट (पोस्ट), यूआरएल और हैशटैग हटाने के आदेशों को चुनौती देने वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी। एकल न्यायाधीश की पीठ ने 30 जून को अपने फैसले में कंपनी पर जुर्माना भी लगाया था।
खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को अपने अंतरिम आदेश में कहा, “हम अपीलकर्ता को इस अदालत में एक सप्ताह के भीतर 25 लाख रुपये जमा करने का निर्देश देते हैं।” अदालत ने हालांकि कहा कि पैसा जमा करना “इस अदालत द्वारा यह स्वीकारोक्ति नहीं माना जा सकता है कि साम्य अपीलकर्ता के पक्ष में है।”
एकल न्यायाधीश ने माना था कि कंपनी ने एक वर्ष से अधिक समय तक इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के आदेशों का पालन नहीं किया और फिर उन आदेशों के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
एमईआईटीवाई ने दो फरवरी, 2021 और 28 फरवरी, 2022 के बीच सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए के तहत 10 सरकारी आदेश जारी किए थे, जिसमें 1,474 खातों, 175 ट्वीट्स, 256 यूआरएल और एक हैशटैग को ब्लॉक करने का निर्देश दिया गया था। एक्स कॉर्प (तत्कालीन ट्विटर) ने इनमें से 39 यूआरएल से संबंधित आदेशों को चुनौती दी।
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