देश की खबरें | न्यायालय ने सिसोदिया को जमानत न देने संबंधी अपने फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका खारिज की

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धनशोधन मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं को खारिज करने संबंधी 30 अक्टूबर के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी है।

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धनशोधन मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं को खारिज करने संबंधी 30 अक्टूबर के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी है।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस.वी.एन. भट्टी की पीठ ने बुधवार को सिसोदिया की पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दीं।

बृहस्पतिवार को शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए फैसले में पीठ ने कहा, ‘‘हमने पुनर्विचार याचिकाओं और इनके समर्थन में दिए गए आधार का ध्यान से अध्ययन किया है। हमारे विचार से, 30 अक्टूबर 2023 के फैसले की समीक्षा करने का कोई मामला नहीं बनता है। इसलिए, पुनर्विचार याचिकाएं खारिज की जाती हैं।’’

बुधवार को पारित अपने आदेश में न्यायालय ने इन याचिकाओं पर मौखिक सुनवाई के लिए सिसोदिया के अनुरोध को भी खारिज कर दिया।

सिसोदिया को झटका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने 30 अक्टूबर को मनीष सिसोदिया को दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित कथित घोटाले के सिलसिले में भ्रष्टाचार और धनशोधन के मामलों में जमानत देने से इनकार कर दिया था।

न्यायालय ने कहा था कि साक्ष्य जांच एजेंसी के इस आरोप का अस्थायी रूप से समर्थन करते हैं कि शराब के कुछ थोक ‘डीलर’ को 338 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया गया।

पीठ ने कहा था, "हालांकि, पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत दायर शिकायत में एक स्पष्ट आधार या आरोप है, जो प्रत्यक्ष कानूनी चुनौती से मुक्त है, और कथित आरोप सबूतों द्वारा अस्थायी रूप से समर्थित हैं।"

इसने सीबीआई के आरोपपत्र का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि थोक वितरकों द्वारा अर्जित सात प्रतिशत कमीशन/फीस के रूप में 338 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत परिभाषित अपराध है, जो एक लोकसेवक को रिश्वत दिए जाने से संबंधित है।

पीठ ने कहा था कि ईडी की शिकायत के अनुसार, 338 करोड़ रुपये की रकम अपराध से हासिल की गई आय है।

सिसोदिया को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी को ‘‘घोटाले’’ में उनकी भूमिका के आरोप में गिरफ्तार किया था। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता तब से ही हिरासत में हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद नौ मार्च को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धनशोधन के मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। सिसोदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।

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