देश की खबरें | न्यायमूर्ति गोगोई के पद पर रहते हुए आचरण की जांच की मांग करने वाली याचिका न्यायालय ने अस्वीकार की

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने उस याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया जिसमें भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के शीर्ष अदालत में न्यायाधीश पद पर रहने के दौरान आचरण की जांच के लिए तीन न्यायाधीशों के पैनल के गठन की मांग की गई थी।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 21 अगस्त उच्चतम न्यायालय ने उस याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया जिसमें भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के शीर्ष अदालत में न्यायाधीश पद पर रहने के दौरान आचरण की जांच के लिए तीन न्यायाधीशों के पैनल के गठन की मांग की गई थी।

गोगोई अब राज्यसभा सदस्य हैं।

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न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने उक्त जनहित याचिका को ‘‘गैरजरूरी’’ बताया और कहा कि याचिकाकर्ता ने बीते दो वर्ष में सुनवाई के लिए जोर नहीं दिया और वैसे भी न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) गोगोई का कार्यकाल अब समाप्त हो चुका है।

न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी भी पीठ का हिस्सा हैं।

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पीठ ने कहा, ‘‘बीते दो साल में आपने (याचिकाकर्ता) सुनवाई के लिए जोर क्यों नहीं दिया? उनका कार्यकाल अब समाप्त हो चुका हैं इसलिए अब यह याचिका निरर्थक हो चुकी है।’’

याचिकाकर्ता अरूण रामचंद्र हुबलीकर ने याचिका में न्यायमूर्ति गोगोई के कार्यकाल में कथित ‘अनियमितताओं’ की जांच करने की मांग की थी। हालांकि पीठ ने जवाब दिया, ‘‘माफ कीजिए, हम इस याचिका पर विचार नहीं कर सकते हैं।’’

याचिकाकर्ता ने पीठ के समक्ष दावा किया कि उन्होंने शीर्ष न्यायालय के महासचिव से मुलाकात कर याचिका को सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

गोगोई पिछले वर्ष 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो गए थे।

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