नयी दिल्ली, 20 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने देशद्रोह के मामले में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ को उनके यूट्यूब के एक कार्यक्रम को लेकर हिमाचल प्रदेश पुलिस की किसी दंडात्मक कार्रवाई से मिले संरक्षण की अवधि सोमवार को अगले आदेश तक के लिये बढ़ा दी। दुआ के खिलाफ हिमाचल प्रदेश में भाजपा के एक स्थानीय नेता ने देशद्रोह का मामला दर्ज कराया है।
न्यायमूर्ति उदय यू ललित और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने कहा कि विनोद दुआ को इस मामले के संबंध में हिमाचल प्र्रदेश पुलिस द्वारा पूछे जा रहे किसी भी पूरक प्रश्न का जवाब देने की जरूरत नहीं है।
पीठ ने इस मामले को अब 27 जुलाई के लिये सूचीबद्ध कर दिया है।
भाजपा के स्थानीय नेता श्याम की शिकायत पर छह मई को शिमला के कुमारसेन थाने में विनोद दुआ के खिलाफ राजद्रोह, मानहानिकारक सामग्री प्रकाशित करने और सार्वजनिक शरारत करने जैसे आरोपों में भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। पुलिस ने विनोद दुआ को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था।
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श्याम का आरोप है कि विनोद दुआ ने अपने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पर वोट हासिल करने के लिये मौत और आतंकी हमलों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।
शीर्ष अदालत ने इस मामले को लेकर विनोद दुआ की याचिका पर 14 जून को रविवार के दिन सुनवाई करते हुये अगले आदेश तक उन्हें गिरफ्तार करने से हिमाचल प्रदेश पुलिस को रोक दिया था।
न्यायालय ने सात जुलाई को विनोद दुआ को प्राप्त संरक्षण की अवधि पहले 15 जुलाई तक और फिर आज तक के लिये बढ़ा दी थी।
दुआ ने अपनी याचिका में उनके खिलाफ प्राथमिकी निरस्त करने और उन्हें परेशान करने के कारण तगड़ा जुर्माना लगाने का अनुरोध न्यायालय से किया है।
अनूप
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