पुणे में ईवीएम के भंडारण के लिए खुली जमीन पर गोदाम बनाने से अदालत नाराज
Bombay High Court | PTI

मुंबई, 9 मई : बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को पुणे में ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और वीवीपैट मशीन के भंडारण के लिए गोदाम बनाने के वास्ते खुली जगह के रूप में आरक्षित भूमि के प्रस्तावित उपयोग पर नाराजगी जतायी. मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय एवं न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने कहा कि चिंता का विषय भूखंड के उपयोग में बदलाव नहीं, बल्कि जिले के अधिकारियों द्वारा कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना इसे करने का तौर-तरीका है, क्योंकि इस प्रक्रिया से गलत संकेत जा रहा है

मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय ने कहा, ‘‘हम समझते हैं कि चुनाव कराना हमारे लोकतंत्र में एक व्यापक सार्वजनिक उद्देश्य है, लेकिन इसके लिए भी कानून का पालन किया जाना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम इसकी अनुमति दे देते हैं तो अराजकता और क्या है.’’ यह भी पढ़ें : Shafali Verma Milestones: शैफाली वर्मा ने तोड़ा तेंदुलकर का 30 साल पुराना रिकॉर्ड, ये कारनामा करने वाली बनीं दुनिया के सबसे कम उम्र की खिलाड़ी

पुणे लोकसभा सीट पर 13 मई को मतदान होना है. पुणे के रहने वाले प्रशांत रउल ने अदालत में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की थी, जिसमें दावा किया गया था कि पश्चिमी महाराष्ट्र शहर के रावेत में मेट्रो इको पार्क का इस्तेमाल ईवीएम और वीवीपैट मशीनों का भंडारण करने के लिए एक गोदाम बनाने के लिए किया जाना प्रस्तावित है.