देश की खबरें | तुष्टिकरण की राजनीति से बाज नहीं आ रही कांग्रेस: नड्डा

नयी दिल्ली, आठ अप्रैल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोमवार को कांग्रेस के घोषणापत्र पर मुस्लिम लीग की छाप होने का आरोप लगाया और कहा कि जनता की ओर से बार-बार नकारे जाने के बावजूद देश की सबसे पुरानी पार्टी तुष्टिकरण की राजनीति से ‘बाज’ नहीं आ रही है।

नड्डा ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा कर कांग्रेस पर सत्ता की लोलुपता में देश को बांटने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस को जनता ने बार बार नकारा है लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति से बाज नहीं आ रही है। मैंने कांग्रेस का मेनिफेस्टो देखा तो मुझे आश्चर्य हुआ कि ये कांग्रेस का घोषणापत्र है या मुस्लिम लीग का!’’

उन्होंने आरोप लगाया कि देश का बांटने और सत्ता को हथियाने के लिए कांग्रेस कहां तक जा सकती है, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।

उन्होंने कहा, ‘‘जिस मुस्लिम लीग ने 1929 में धर्म के आधार पर आरक्षण की बात की थी आज कांग्रेस उसी बात को दोहरा रही है। यानि सत्ता की लोलुपता में देश को कहां पहुंचाएगी कांग्रेस इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज अल्पसंख्यकों के लिए धर्म के आधार पर आरक्षण की बात हो रही है और 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण की बात है। वह किसके लिए आरक्षण की बात कर रही है। कांग्रेस को स्पष्ट करना होगा।’’

भाजपा अध्यक्ष ने वायनाड़ में राहुल गांधी के नामांकन जुलूस में कांग्रेस के झंडे नहीं होने का भी मुद्दा उठाया और दावा किया कि मुस्लिम लीग को तुष्ट करने के लिए कांग्रेस ने यह कदम उठाया।

उन्होंने कहा, ‘‘ये देश बांटने की जो चाल है और तुष्टिकरण के आगे जो घुटने टेकने का रवैया है... इसको देश माफ नहीं करेगा। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में जिस तरह तुष्टिकरण और आरक्षण के विषय में कहा है, उसका स्पष्टीकरण इन्हें देना पड़ेगा।’’

इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के नवादा जिले में रविवार को एक चुनावी सभा में कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि उसके चुनाव घोषणापत्र में मुस्लिम लीग की छाप है और उसके नेताओं के बयानों में राष्ट्रीय अखंडता व सनातन धर्म के प्रति शत्रुता दिखाई देती है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा नेताओं के आरोपों पर पलटवार करते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री के वैचारिक पूर्वजों ने स्वतंत्रता आंदोलन के समय अंग्रेजों और मुस्लिम लीग का साथ दिया था।

खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मोदी-शाह के राजनीतिक व वैचारिक पुरखों ने स्वतंत्रता आंदोलन में भारतीयों के ख़िलाफ़, अंग्रेज़ों और मुस्लिम लीग का साथ दिया था। आज भी वो आम भारतीय नागरिकों के योगदान से बनाए गए कांग्रेस के ‘न्याय पत्र’ के ख़िलाफ़ मुस्लिम लीग की दुहाई दे रहे हैं।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘ मोदी-शाह के पुरखों ने 1942 में ‘‘भारत छोड़ो’’ आंदोलन के दौरान, महात्मा गांधी के आह्वान व मौलाना आज़ाद की अध्यक्षता वाले आंदोलन का विरोध किया। सभी जानते है कि आपके पुरखों ने 1940 के दशक में मुस्लिम लीग के साथ मिलकर बंगाल, सिंध और उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांत में अपनी सरकार बनाई।’’

खरगे ने सवाल किया कि क्या श्यामा प्रसाद मुख़र्जी ने तत्कालीन अंग्रेज़ गवर्नर को ये नहीं लिखा था कि 1942 के कांग्रेस के ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ को कैसे दबाना चाहिए और इसके लिए वह अंग्रज़ों का साथ देने के लिए तैयार है?

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी-शाह व उनके द्वारा नामित अध्यक्ष (जेपी नड्डा) आज कांग्रेस घोषणापत्र के बारे में उल्टी-सीधी भ्रांतियां फैला रहे हैं।

ब्रजेन्द्र

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