जरुरी जानकारी | भारत के लिए 'चीन प्लस वन' से पैदा हो रहा अवसरः अरविंद सुब्रमण्यन
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने बृहस्पतिवार को कहा कि विदेशी कंपनियों की 'चीन प्लस वन' रणनीति से भारत के लिए अवसर पैदा हो रहा है और तमिलनाडु इस विदेशी निवेश को अपने यहां लाने की पुरजोर कोशिश कर रहा है।
नयी दिल्ली, 28 नवंबर पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने बृहस्पतिवार को कहा कि विदेशी कंपनियों की 'चीन प्लस वन' रणनीति से भारत के लिए अवसर पैदा हो रहा है और तमिलनाडु इस विदेशी निवेश को अपने यहां लाने की पुरजोर कोशिश कर रहा है।
सुब्रमण्यन ने 'सेंटर फॉर सोशल एंड इकोनॉमिक प्रोग्रेस' की तरफ से यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि चीन, ताइवान और वियतनाम की तरह भारत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित नहीं कर पा रहा है। इसकी वजह से घरेलू कंपनियां वैश्विक मूल्य श्रृंखला के साथ एकीकृत नहीं हो पाई हैं।
उन्होंने कहा कि वैश्विक मूल्य श्रृंखला का हिस्सा नहीं होने से भारत के निर्यात और श्रम-सघन क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
सुब्रमण्यन ने कहा कि विदेशी कंपनियों के चीन से इतर अन्य देशों में भी विनिर्माण इकाइयां लगाने पर जोर देने की 'चीन प्लस वन' नीति से भारत के लिए अवसर पैदा हो रहा है।
उन्होंन कहा कि तमिलनाडु इस एफडीआई को आकर्षित करने में अपने प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहा है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने हाल ही में कहा था कि राज्य ने पिछले तीन वर्षों में नौ लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित किया है और 31 लाख नए रोजगार सृजित किए हैं।
इस समय पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में सीनियर फेलो के रूप में कार्यरत सुब्रमण्यन ने कहा कि भारत का विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन सख्त श्रम कानूनों और कंपनियों के छोटे आकार जैसे कारणों से खराब रहा है।
इस कार्यक्रम में योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा, "हम इस समय कई गंभीरता से काम कर रहे उद्यमियों को कलंकित करने के गंभीर खतरे का सामना कर रहे हैं।"
प्रेम
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