देश की खबरें | बिना तार्किक आधार के निचले अधिकारी को उच्च पद पर नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री का हस्ताक्षर अपर्याप्त

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा है कि मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर वाला स्थानांतरण आदेश तब तक वैध नहीं होता, जब तक निचले कैडर के अधिकारी को उच्च पद पर तैनात करने का कोई तार्किक आधार न हो।

बेंगलुरु, 30 नवंबर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा है कि मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर वाला स्थानांतरण आदेश तब तक वैध नहीं होता, जब तक निचले कैडर के अधिकारी को उच्च पद पर तैनात करने का कोई तार्किक आधार न हो।

उच्च न्यायालय ने कहा, “हम यह राय देने के लिए मजबूर हैं कि भले ही ऐसे स्थानांतरण आदेशों पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर हों, लेकिन ऐसे आदेशों को वैध आदेश नहीं कहा जा सकता क्योंकि हमें पद पर नियुक्ति के लिए योग्य व्यक्तियों की अनुपलब्धता का कारण मुख्यमंत्री को बताने और निचले कैडर के व्यक्ति को उच्च पद पर नियुक्त करने की कोई वजह समझ नहीं आती है।”

न्यायमूर्ति के. सोमशेखर और न्यायमूर्ति राजेश राय के. की पीठ ने कर्नाटक प्रशासनिक सेवा (सीनियर स्केल) की अधिकारी डॉ. प्रजना अम्मेम्बाला द्वारा दायर याचिका पर अपने हालिया फैसले में यह टिप्पणी की है।

अम्मेम्बाला ने दो अगस्त 2023 के कर्नाटक राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त निदेशक पथराजू वी. द्वारा दायर एक आवेदन को स्वीकार कर लिया गया था और छह जुलाई 2023 की स्थानांतरण अधिसूचना को रद्द कर दिया गया था। तबादले के इसी आदेश के तहत अम्मेम्बाला की उच्च पद पर नियुक्ति की गई थी।

पथराजू ने दलील दी थी कि अम्मेम्बाला इस पद के लिए पात्र नहीं हैं।

अम्मेम्बाला को 2006 में सीधी नियुक्ति के माध्यम से तहसीलदार नियुक्त किया गया था और 2015 में कर्नाटक प्रशासनिक सेवा (जूनियर स्केल) और जनवरी 2021 में केएएस (सीनियर स्केल) में पदोन्नत किया गया था। अम्मेम्बाला को जुलाई 2023 में खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त निदेशक के रूप में स्थानांतरित किया गया था।

पथराजू पहले से ही इस पद पर थे और उन्होंने अम्मेम्बाला के तबादले को न्यायाधिकरण में चुनौती देते हुए कहा था कि अम्मेम्बाला को मुख्यमंत्री की पूर्व मंजूरी के बिना इस पद पर स्थानांतरित कर दिया गया था।

राज्य ने तर्क दिया कि मुख्यमंत्री की पूर्व मंजूरी ली गई थी।

न्यायाधिकरण ने माना कि अम्मेम्बाला पद के लिए अयोग्य थीं और उसने स्थानांतरण आदेश को रद्द कर दिया। इसके बाद अम्मेम्बाला ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

पद के लिए अम्मेम्बाला की योग्यता के सवाल पर उच्च न्यायालय ने कहा कि कानून उनके पक्ष में है और सरकार के तबादले के आदेश को बरकरार रखा।

उच्च न्यायालय ने सरकार को आदेश दिया कि वह निचले कैडर के अधिकारियों को उच्च कैडर पदों पर स्थानांतरित करने को लेकर जरूरी दिशानिर्देश जारी करे।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\