देश की खबरें | छत्तीसगढ़ : स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति को लेकर कांग्रेस ने किया सदन से बहिर्गमन

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रायपुर, 26 जुलाई छत्तीसगढ़ के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने विधानसभा में शुक्रवार को राज्य सरकार पर लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने और बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियों का उपाय करने में विफल रहने का आरोप लगाया।

सत्ताधारी दल भारतीय जानता पार्टी (भाजपा)के विधायक मोतीलाल साहू ने राज्य में मलेरिया और डायरिया से लोगों की मौत का मुद्दा उठाया और सरकार से जवाब मांगा। कांग्रेस सदस्यों ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि राज्य में बारिश के मौसम में होने वाली बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं।

अपने जवाब में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि यह कहना गलत है कि राज्य में मानसून आते ही स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है।

जायसवाल ने कहा कि सच्चाई यह है कि सरकार डायरिया और मलेरिया की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशीलता से काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि मलेरिया और डायरिया की रोकथाम के लिए 27 फरवरी और सात जून को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए थे और अंतर-विभागीय समन्वय करके एक कार्य योजना तैयार की गई है।

मंत्री ने बताया कि राज्य में कुल 1,015 रैपिड रिस्पांस टीमें गठित की गई हैं तथा 1371 पहुंचविहीन गांवों और 1,183 महामारी संभावित गांवों की पहचान की गई है। दवाओं का पर्याप्त भंडार है।

मंत्री ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि यह कहना गलत है कि पिछले एक सप्ताह में बिलासपुर, बीजापुर, दुर्ग, कवर्धा, जांजगीर-चांपा जिलों सहित पूरे प्रदेश में हजारों लोग मलेरिया और डायरिया से पीड़ित पाए गए हैं और उन्हें पर्याप्त उपचार नहीं मिल रहा है।

मंत्री ने इन जिलों में किए गए परीक्षणों की संख्या और मलेरिया तथा डायरिया से पीड़ित रोगियों की पहचान और बीमारियों की रोकथाम के लिए किए गए उपायों की भी जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के क्रियान्वयन के कारण वार्षिक परजीवी सूचकांक (एपीआई) 2019 में प्रति हजार जनसंख्या पर 7.29 से घटकर अब यह 3.98 रह गया है।

कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने पूछा कि सरकार मलेरिया और डायरिया से होने वाली मौतों को क्यों छुपाने की कोशिश कर रही है। यहां तक ​​कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने भी राज्य में मलेरिया और डायरिया के मामलों में वृद्धि का स्वत: संज्ञान लिया है और संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।

बघेल ने मलेरिया की जांच के लिए किए गए परीक्षणों और बीमारी से होने वाली मौतों की संख्या के बारे में भी सवाल किया।

मंत्री ने कहा कि मलेरिया के 35.71 लाख परीक्षण किए गए और जिनमें से 12,242 नमूनों में संक्रमण की पुष्टि हुर्ठ। बीमारी के कारण 15 मौतें हुईं।

बाद में कांग्रेस सदस्यों ने मंत्री के जवाब पर असंतोष व्यक्त किया और सदन से बहिर्गमन किया।

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