जरुरी जानकारी | केंद्र का राजकोषीय घाटा जुलाई अंत में वार्षिक लक्ष्य का 21.3 प्रतिशत
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नयी दिल्ली, 31 अगस्त महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई अंत में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा 3.21 लाख करोड़ रुपये या पूरे साल के बजट अनुमान का 21.3 प्रतिशत रहा।
चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे के आंकड़े पिछले वित्त वर्ष की तुलना में काफी बेहतर लग रहे हैं। पिछले वित्त वर्ष में इस अवधि में यह वार्षिक अनुमान के मुकाबले 103.1 प्रतिशत तक बढ़ गया था। ऐसा खासतौर से कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए खर्च में हुई बढ़ोतरी के चलते हुआ।
वर्ष 2020-21 के लिए राजकोषीय घाटा यानी सरकार की आय और खर्च के बीच का अंतर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 9.3 प्रतिशत रहा। यह आंकड़ा फरवरी के बजट में दर्शाये गये 9.5 प्रतिशत के संशोधित अनुमान से बेहतर रहा।
आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2021 तक केंद्र सरकार की कुल प्राप्तियां 6.83 लाख करोड़ रुपये या बजट अनुमानों का 34.6 प्रतिशत थीं। बीते वित्त वर्ष की समान अवधि में कुल प्राप्तियां 2019-20 के बजट अनुमानों के मुकाबले 10.4 प्रतिशत थीं।
जुलाई 2021 तक कुल प्राप्तियों में 5,29,189 करोड़ रुपये कर राजस्व (केन्द्र को शुद्ध प्राप्ति), 1,39,960 करोड़ रुपये गैर- कर राजस्व और 14,148 करोड़ रुपये गैर- रिण पूंजी प्राप्तियां रहीं। गैर- रिण पूंजी प्राप्तियों में 5,777 करोड़ रुपये कर्ज की वसूली और 9,371 करोड़ रुपये विनिवेश प्राप्तियां शामिल हैं।
इस तरह सरकार का कुल व्यय 10.04 लाख करोड़ रुपये या 2021-22 के बजट अनुमानों का 28.8 प्रतिशत था। यह आंकड़ा एक साल पहले की समान अवधि में 2019-20 के बजट अनुमानों के मुकाबले 34.7 प्रतिशत था।
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