जरुरी जानकारी | काजू बागान में कीटों को नियंत्रित करने के लिए केरल के किसान की नई विधि को समर्थन देगा केंद्र

नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर केंद्र ने सोमवार को कहा कि उसने काजू के बागानों में कीटों को नियंत्रित करने के लिए केरल की महिला किसान द्वारा विकसित एक अभिनव तरीके को आवश्यक सहायता देने के लिये चुना है।

कन्नूर जिले की महिला किसान ने एक अभिनव 'काजू मल्टीपल रूटिंग प्रोपेगेशन मेथड' विकसित किया है। इसके तहत एक बड़े काजू के पेड़ में कई जड़ें उत्पन्न होती हैं। इस प्रकार प्रति यूनिट क्षेत्र में उत्पादन में सुधार होता है।

यह तना और जड़ों के पर्यावरण अनुकूल तरीके से प्रबंधन में भी मदद करता है, उत्पादकता को बहाल करता है, तेज हवा एवं चक्रवाती तूफान के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है, और फिर से रोपण की आवश्यकता के बिना वृक्ष की आयु का विस्तार करता है।

कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘केरल के कन्नूर जिले की एक महिला किसान अपने पुराने काजू के बगीचे को विनाशकारी कीट हमलों और लगातार चक्रवाती तूफान से बचाने के लिए काजू के पेड़ों में समर्थक जड़ें विकसित करने के लिए एक अभिनव तरीका निकाला।’’

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संगठन - नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन - ने आवश्यक समर्थन और जरूरी सहायता के लिए इस नवीन प्रौद्योगिकी को चुना है।

इस नई पद्धति को आगे कर्नाटक में पुत्तूर में आईसीएआर- काजू अनुसंधान निदेशालय के साथ-साथ केरल कृषि विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2020 में सत्यापित किया गया है।

मंत्रालय ने कहा कि यह विधि तेज हवा या चक्रवाती तूफान से होने वाले नुकसान से सुरक्षा प्रदान करती है तथा पर्यावरण अनुकूल एवं लागत प्रभावी तरीके से काजू के पेड़ों को कीटों के हमले से बचाती है। मंत्रालय ने कहा कि पुराने काजू के बागान रखने वाले काजू उत्पादकों में अतिरिक्त उपज की नई उम्मीद पैदा की है।

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