जरुरी जानकारी | नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को जटिल चुनौतियों से जूझना पड़ रहा: प्रिंसटन अर्थशास्त्री
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान को अभूतपूर्व वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है, जो चुनौतियों के जटिल जाल से प्रेरित है। एक प्रमुख पाकिस्तानी-अमेरिकी अर्थशास्त्री ने यह चेतावनी दी है।
इस्लामाबाद, आठ सितंबर नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान को अभूतपूर्व वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है, जो चुनौतियों के जटिल जाल से प्रेरित है। एक प्रमुख पाकिस्तानी-अमेरिकी अर्थशास्त्री ने यह चेतावनी दी है।
समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रिंसटन के अर्थशास्त्री आतिफ मियां ने आसमान छूते घरेलू और विदेशी कर्ज, असहनीय पेंशन देनदारियों और असफल होते बिजली क्षेत्र को पाकिस्तान को आर्थिक रसातल में धकेलने वाले महत्वपूर्ण कारकों के रूप में इंगित किया है।
उनका आकलन एक गंभीर तस्वीर प्रस्तुत करता है, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान का आर्थिक संकट अत्यंत गंभीर है, जो इसे वैश्विक मंच पर राजकोषीय कुप्रबंधन का एक स्पष्ट उदाहरण बनाता है।
मियां ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक कमेंट में कहा, “पाकिस्तान के घरेलू और विदेशी कर्ज, उसकी अप्राप्त पेंशन देनदारियां और बिजली क्षेत्र ने पाकिस्तान को गहरे वित्तीय संकट में धकेल दिया है। किसी दूसरे देश की हालत इतनी खराब होने की कल्पना करना मुश्किल है।”
मियां के विश्लेषण पर प्रतिक्रिया देते हुए चेस मैनहट्टन बैंक के पूर्व राजकोषीय प्रमुख असद रिजवी ने उनसे इन चुनौतियों से निपटने और अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए व्यावहारिक समाधान पेश करने का आग्रह किया।
रिजवी ने मियां से यह भी पूछा कि उच्च ऋण-से-जीडीपी अनुपात वाली उन्नत अर्थव्यवस्थाएं अपनी स्थितियों का प्रबंधन कैसे करती हैं।
रिजवी ने इस बात पर जोर दिया कि कर-जीडीपी अनुपात (अर्थव्यवस्था का दस्तावेजीकरण करके), बैंक कर्ज-जमा अनुपात, और खुले बाजार परिचालन (ओएमओ) जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित किए बिना अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में संघर्ष करना पड़ेगा।
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