देश की खबरें | ‘कॉपी-पेस्ट’ और ‘सरकार बचाओ’ बजट है: विपक्ष
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नयी दिल्ली, 23 जुलाई विपक्षी दलों ने मंगलवार को सरकार पर ‘कॉपी-पेस्ट’ और ‘सरकार बचाओ’ बजट पेश करने का आरोप लगाया और कहा कि इसमें नौजवानों, किसानों तथा विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों की अनदेखी की गई है।
कांग्रेस ने कटाक्ष करते कहा कि सरकार को मुख्य विपक्षी दल का धन्यवाद करना चाहिए क्योंकि उसने जिस इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है वह इस लोकसभा चुनाव के विपक्षी पार्टी के घोषणापत्र में किए गए प्रशिक्षुता के अधिकार के वादे पर आधारित है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि सीतारमण का बजट भाषण दिखावे पर ज्यादा केंद्रित रहा है तथा केंद्र सरकार ने 10 साल तक इनकार करने के बाद स्वीकार किया है कि बेरोजगारी राष्ट्रीय संकट है जिस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने केंद्रीय बजट-2024-25 में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है जिसके तहत युवाओं को इंटर्नशिप के साथ 5,000 रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा।
कांग्रेस ने हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणापत्र (न्याय पत्र) में प्रशिक्षुता के अधिकार का वादा किया था जिसके तहत उसने डिप्लोमा एवं डिग्रीधारक बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण के साथ एक साल तक हर महीने 8500 रुपये देने का वादा किया था। कांग्रेस ने इस कार्यक्रम को ‘पहली नौकरी पक्की’ नाम भी दिया था।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र-2024 से सीख ली है और इसका ‘इंटर्नशिप’ कार्यक्रम स्पष्ट रूप से कांग्रेस के प्रस्तावित प्रशिक्षुता कार्यक्रम पर आधारित है, जिसे ‘पहली नौकरी पक्की’ कहा गया था। हालांकि, अपनी चिर-परिचित शैली में योजना को सभी डिप्लोमा धारकों और स्नातकों के लिए गारंटी के बजाय मनमाने लक्ष्य (एक करोड़ इंटर्नशिप) के साथ, सुर्खियां बटोरने के लिए डिज़ाइन किया गया है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘10 साल के इनकार के बाद ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार अंततः चुपचाप स्वीकार करने के लिए आगे आई है कि बड़े पैमाने पर बेरोजगारी एक राष्ट्रीय संकट है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।’’
रमेश ने कहा कि अब तक बहुत देर हो चुकी है और लगता है कि बजट भाषण कदम उठाने की तुलना में दिखावे पर अधिक केंद्रित है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें इस बात की खुशी हुई है कि लोकसभा चुनाव के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुख्य विपक्षी दल का घोषणापत्र पढ़ा।
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मुझे यह जानकर खुशी हुई कि माननीय वित्त मंत्री ने चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस का लोकसभा 2024 का घोषणापत्र पढ़ा है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पृष्ठ 30 पर उल्लिखित रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन (ईएलआई) को वस्तुतः अपना लिया है।’’
उनका कहना है, ‘‘मुझे इस बात की भी खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पृष्ठ 11 पर उल्लिखित प्रत्येक प्रशिक्षु के लिए भत्ते के साथ-साथ प्रशिक्षुता योजना भी शुरू की है। काश, वित्त मंत्री ने कांग्रेस घोषणापत्र में कुछ अन्य विचारों की भी नकल की होती।’’
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कॉपी-पेस्ट सरकार। 2024-25 के बजट में कांग्रेस के घोषणा पत्र का असर। निर्मला सीतारमण को कांग्रेस के ‘न्याय पत्र 2024’ का सहारा लेना पड़ा। कांग्रेस के 5 ‘न्याय’ में सबसे पहला युवा न्याय। पहली नौकरी पक्की: युवा न्याय के तहत हर डिग्री/ डिप्लोमा धारक को एक लाख रुपये मानदेय देने का वादा किया गया था’’
उन्होंने कहा, ‘‘बजट 2024-25 में सिर्फ एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप का प्रावधान, इंटर्नशिप के दौरान साठ हजार रुपये का प्रावधान। हालांकि, मोदी सरकार को इस विचार के लिए कांग्रेस को धन्यवाद देना चाहिए।’’
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्रीय बजट में आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए की गई घोषणाओं को ‘सरकार बचाने’ का प्रयास करार दिया और आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों और नौजवानों के साथ पूरे देश की अनदेखी की है।
उन्होंने यह भी कहा कि देश का नौजवान आधी-अधूरी नहीं, बल्कि पक्की नौकरी चाहता है।
यादव ने सवाल किया, ‘‘उत्तर प्रदेश, जो प्रधानमंत्री देता है, क्या वहां के किसानों के लिए भी कुछ बड़े फैसले हैं?’’
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कहा कि बजट में पश्चिम बंगाल के लिए कुछ भी नहीं है और यह भारत के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए पेश किया गया बजट है।
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने यह दावा भी किया कि यह ‘‘कुर्सी बचाओ बजट’’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस बजट का उद्देश्य (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी की स्थिति को बचाना है। यह राजग के लिए बजट है, भारत के लिए नहीं है।’’
झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ मांझी ने आरोप लगाया कि यह निराशाजनक बजट है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस बजट में आदिवासियों के रोजगार के लिए, उनका पलायन रोकने के लिए और आदिवासी महिलाओं की तस्करी को रोकने के लिए कुछ नहीं किया गया।’’
महुआ ने यह दावा भी किया कि झारखंड की सरकार के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि इस बजट को ‘प्रधानमंत्री सरकार बचाओ योजना’ कहा जाना चाहिए।
उन्होंने यह दावा भी किया, ‘‘इसमें महाराष्ट्र के लिए कुछ भी नहीं था। यह राज्य केंद्र को पैसा देने के लिए दुधारू गाय बना रहेगा, लेकिन राज्य के विकास के लिए पैसा नहीं दिया जाएगा।’’
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