देश की खबरें | बंबई उच्च न्यायालय का केन्द्र, महाराष्ट्र को कोविड-19प्रबंधन पर जवाब दाखिल करने का निर्देश
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मुंबई,22अप्रैल बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केन्द्र और महाराष्ट्र सरकार को कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए अस्पतालों में बिस्तर,रेमडेसिविर इंजेक्शन,टीके और ऑक्सीजन सहित उपलब्ध संसाधनों के प्रबंधन पर चार मई तक जवाब देने का निर्देश दिया।
अदालत में ऐसे संसाधनों के प्रबंधन से जुड़े अनेक मुद्दों पर दिन भर सुनवाई चली और इस दौरान महाराष्ट्र सरकार ने संक्रमण के बढ़ते मामलों से निपटने और मरीजों को उपचार मुहैया कराने के संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में अदालत को जानकारी दी।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ ने कहा कि राज्य में किसी भी व्यक्ति के पास जांच के संबंध में चिकित्सक का पर्चा नहीं होने पर उसे कोविड-19की जांच से इनकार नहीं किया जाना चाहिए।
पीठ ने रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी से जुड़े मुद्दों, संक्रमण के उपचार में काम आने वाली दवाइयों की खरीद और उनकी बिक्री में कथित तौर पर मुनाफाखोरी और कालाबाजारी पर निगरानी के अनुरोध वाली अनेक जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की।
सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता (एजी)अशुतोष कुंभकोनी ने अदालत को बताया कि राज्य में कोविड-19 की जांच हो रही हैं। सरकार अस्पतालों में बिस्तर उपलब्ध करा रही है, ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ाया जा रहा है और वह सबकुछ किया जा रहा है जो संक्रमण के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए कर सकता है।
बीएमसी के वकील अनिल साखरे ने अदालत को बताया कि मुंबई में निगम के अस्पतालों के पास अगले कुछ दिनों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन का पर्याप्त भंडार है।
इस पर उच्च न्यायालय ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार को रेमडेसिविर की उपलब्धता और उसके इस्तेमाल के बारे में नागरिकों के लिए परामर्श जारी करना चाहिए।
पीठ ने कहा कि वह सभी संबंधित मुद्दों पर विस्तृत आदेश बृहस्पतिवार शाम तक जारी करेगी।
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