मोदी को निशाना बनाने संबंधी टिप्पणियों के लिए भाजपा ने खरगे और राहुल पर कार्रवाई की मांग की

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए ‘पनौती’ वाले बयान को लेकर बुधवार को राहुल गांधी के खिलाफ आक्रमण तेज कर दिया और निर्वाचन आयोग से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया.

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नयी दिल्ली, 22 नवंबर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए ‘पनौती’ वाले बयान को लेकर बुधवार को राहुल गांधी के खिलाफ आक्रमण तेज कर दिया और निर्वाचन आयोग से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया. भाजपा ने इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1982 के एिशयाई खेलों के दौरान भारतीय हॉकी टीम का किए गए कथित ‘अपमान’ को याद किया जबकि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली हार के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किए जाने की सराहना की.

पार्टी महासचिव राधा मोहन दास अग्रवाल और एक अन्य पदाधिकारी ओम पाठक सहित पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ भी निर्वाचन आयोग से कार्रवाई की मांग की और उन पर यह झूठा दावा करने का आरोप लगाया कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उनकी जाति गुजरात की अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सूची में शामिल थी. पाठक ने कहा कि घांची जाति को 1999 में ओबीसी की सूची में शामिल किया गया था जबकि मोदी 2001 में मुख्यमंत्री बने थे.

भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग को सौंपे गए अपने ज्ञापन में कहा, ‘‘'झूठ का जाल फैलाने में लिप्त खरगे और गांधी की टिप्पणियां इन अपराधियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने और सख्त कार्रवाई की मांग करती हैं क्योंकि उनके आचरण में नैतिक मूल्यों के साथ-साथ चुनाव कानूनों और आदर्श आचार संहिता के दिशानिर्देशों के लिए भी कोई सम्मान नहीं है.’’ अग्रवाल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी पर भी तीखा हमला बोला और उन्हें 'घाटिया' मानसिकता का 'मूर्ख, अशिक्षित और मूल्यहीन' व्यक्ति करार दिया, जो 'वैश्विक रूप से सम्मानित' नेता के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं.

पार्टी ने ज्ञापन में कहा, ‘‘हम निर्वाचन आयोग से अनुरोध करते हैं कि मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के खिलाफ उनके लगातार धोखाधड़ी, आधारहीन और अपमानजनक आचरण के लिए उचित कानूनी कार्रवाई करके तत्काल हस्तक्षेप किया जाए और उनके खिलाफ निषेधात्मक आदेश पारित किया जाए.’’ ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘अन्यथा, यह चुनावी माहौल को खराब कर देगा और इससे सम्मानित व्यक्तियों को बदनाम करने के लिए अपशब्दों, आपत्तिजनक का इस्तेमाल और झूठी खबरों को रोकना मुश्किल हो जाएगा.’’

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