जरुरी जानकारी | एनपीएस प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां 15 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएंगी: पीएफआरडीए

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. पेंशन कोष नियामक विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन दीपक मोहंती ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) चालू वित्त वर्ष (2024-25) के अंत तक 15 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है।

मुंबई, 21 दिसंबर पेंशन कोष नियामक विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन दीपक मोहंती ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) चालू वित्त वर्ष (2024-25) के अंत तक 15 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है।

एनपीएस मध्यस्थों के संघ के आधिकारिक शुभारंभ के बाद मीडिया से बातचीत में मोहंती ने कहा कि कॉरपोरेट क्षेत्र में कर्मचारियों द्वारा इसे अपनाना एक चुनौती है।

एनपीएस के इस संघ में पेंशन फंड प्रबंधक, उपस्थिति केंद्र (बैंक और गैर-बैंक), केंद्रीय रिकॉर्ड रखने वाली एजेंसियां, ट्रस्टी बैंक, संरक्षक, एग्रीगेटर, वार्षिकी सेवा प्रदाता, पेंशन एजेंट, सेवानिवृत्ति सलाहकार और अन्य उद्योग प्रतिभागी शामिल हैं।

संघ का उद्देश्य एनपीएस पारिस्थितिकी तंत्र में सभी मध्यस्थों के हितों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना, एनपीएस को एक विश्वसनीय, लचीले और कर-कुशल सेवानिवृत्ति उत्पाद के रूप में बढ़ावा देना है।

यह संघ प्रणाली के भीतर सुचारू और पारदर्शी प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करके ग्राहक कल्याण पर ध्यान देगा।

मोहंती ने कहा, “इस समय (पेंशन क्षेत्र में) कुल अंशधारकों की संख्या आठ करोड़ से अधिक है (अटल पेंशन योजना में 6.4 करोड़ सहित), जिनमें से एनपीएस में लगभग 1.6 करोड़ अंशधारक हैं। पेंशन प्रणाली में लोग जो योगदान कर रहे हैं, वह लगभग 14 लाख करोड़ रुपये है तथा इस स्थिति को देखते हुए हमारा अनुमान है कि वर्ष के अंत तक यह 15 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।”

एनपीएस के 1.6 करोड़ ग्राहकों में से 62 लाख निजी क्षेत्र से हैं और 18 लाख कॉरपोरेट क्षेत्र से हैं।

उन्होंने कहा, “यह बड़ी चुनौती है। हमारे पास लगभग 18,000 कॉरपोरेट हैं, जिनमें बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं, जो एनपीएस में शामिल हो चुकी हैं, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण कर्मचारियों द्वारा इसे अपनाने की दर आंशिक रूप से कम है। हम इसे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।”

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