देश की खबरें | तीन राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद ‘इंडिया’ गठबंधन के नेतृत्व ‘विश्वसनीय चेहरा’ के हाथों में हो: जयदू नेता
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव हारने के एक दिन बाद सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रमुख सहयोगियों ने ‘इंडिया’ गठबंधन के नेतृत्व के लिए जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सुप्रीमो जैसे ‘‘विश्वसनीय चेहरे’’ पर जोर दिया।
पटना, चार दिसंबर राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव हारने के एक दिन बाद सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रमुख सहयोगियों ने ‘इंडिया’ गठबंधन के नेतृत्व के लिए जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सुप्रीमो जैसे ‘‘विश्वसनीय चेहरे’’ पर जोर दिया।
इस आशय के बयान बिहार के मंत्रियों और जदयू के वरिष्ठ नेताओं-- विजय कुमार चौधरी और अशोक चौधरी की ओर से आए हैं ।
जदयू के दोनों नेताओं ने पत्रकारों से अलग-अलग बातचीत के दौरान ‘इंडिया’ गठबंधन में कांग्रेस को ‘बड़े भाई’ के रूप में स्वीकार किया है लेकिन उसे एक बड़ा दिल ‘दिखाने’ के लिए कहा।
नीतीश कुमार के ‘संकटमोचक’ के रूप में नजर आने वाले एवं महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे विजय कुमार चौधरी ने कहा, ‘‘अगर तीनों राज्यों में कांग्रेस ने गठबंधन के सभी दलों को साथ ले लिया होता, तो भाजपा हार गई होती।’’
विजय कुमार चौधरी के विचारों को जदयू की प्रदेश इकाई के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी ने भी दोहराया, जो संयोग से पहले कांग्रेस में थे।
अशोक चौधरी ने कहा, ‘‘अगर नीतीश कुमार और ममता बनर्जी जैसे नेताओं को प्रचार के लिए आमंत्रित किया गया होता, तो इससे कांग्रेस की संभावनाएं बढ़ जातीं। हमारी सहयोगी समाजवादी पार्टी को देखें, जिसने मध्य प्रदेश और राजस्थान में इतने सारे उम्मीदवार उतारे थे।’’
नीतीश के विश्वासपात्र माने जाने वाले उनकी पार्टी के इन नेताओं का विचार था कि इन विधानसभा चुनावों में ‘वह कांग्रेस ही है जिसे सबसे बड़ा झटका लगा है’ और उम्मीद जताई कि बुधवार को दिल्ली में जब ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक होगी तो इसपर विचार किया जाएगा।
जदयू के इन दोनों नेताओं से जब यह पूछा गया कि क्या ‘इंडिया’ गठबंधन द्वारा कुमार को अपना चेहरा घोषित किया जाना चाहिए, विजय चौधरी ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि गठबंधन का अस्तित्व नीतीश कुमार के अथक प्रयासों के कारण है।
उनका कहना था कि अब तक की रणनीति संयुक्त लड़ाई लड़ने, भाजपा को हराने और अन्य चीजों पर बाद में फैसला करने की रही है, लेकिन एक विश्वसनीय चेहरे को आगे किए जाने से चीजें आसान होंगी।
विजय चौधरी ने कहा, ‘‘अगर गठबंधन मौजूदा रणनीति पर कायम रहता है तो हमें कोई समस्या नहीं है। लेकिन एक संयुक्त लड़ाई जरूरी है जिसमें कांग्रेस क्षेत्रीय दलों के प्रति अधिक उदार हो। हमें याद रखना चाहिए कि भाजपा का दावा है कि 2024 के लिए भी प्रधानमंत्री का पद खाली नहीं है। हमें वह वैकेंसी बनानी है।’’
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