जरुरी जानकारी | इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण के लिए प्रोत्साहन पाने को 21 कंपनियों ने बोली लगाई

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. रिलायंस इलेक्ट्रोलाइजर मेन्युफैक्चरिंग, अडाणी न्यू इंडस्ट्रीज, एलएंडटी इलेक्ट्रोलाइजर्स और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स समेत 21 कंपनियों ने इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण के लिए सरकार से प्रोत्साहन को बोली लगाई हैं।

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर रिलायंस इलेक्ट्रोलाइजर मेन्युफैक्चरिंग, अडाणी न्यू इंडस्ट्रीज, एलएंडटी इलेक्ट्रोलाइजर्स और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स समेत 21 कंपनियों ने इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण के लिए सरकार से प्रोत्साहन को बोली लगाई हैं।

इस पहल के तहत कुल 3.4 गीगावाट वार्षिक क्षमता स्थापित की जानी है। इलेक्ट्रोलाइजर का उपयोग हाइड्रोजन उत्पादन के लिए किया जाता है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार भारतीय सौर ऊर्जा निगम (सेकी) ने 1.5 गीगावाट इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण क्षमता स्थापित करने के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं।

इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माताओं के लिए बोलियां इस वर्ष सात जुलाई को आमंत्रित की गई थीं।

सार्वजनिक क्षेत्र की सेकी ने 10 जुलाई को हरित हाइड्रोजन संचरण (साइट) योजना (मोड-1-किश्त-1) के तहत 4,50,000 टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए बोलियां भी आमंत्रित की थीं।

सेकी के बयान के अनुसार 21 कंपनियों ने 1.5 गीगावाट के प्रस्ताव के मुकाबले सालाना 3.4 गीगावाट इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण क्षमता स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन की बोली लगाई है।

बयान के अनुसार बोली लगाने वाली अन्य कंपनियों में हिल्ड इलेक्ट्रिक प्राइवेट, ओहमियम ऑपरेशंस, जॉन कॉकरिल ग्रीनको हाइड्रोजन सॉल्यूशंस, वारी एनर्जीज, जिंदल इंडिया, अवाडा इलेक्ट्रोलाइजर, ग्रीन एच2 नेटवर्क इंडिया, अद्वैत इंफ्राटेक, एसीएमई क्लीनटेक सॉल्यूशंस और ओरियाना पावर शामिल हैं।

इस बीच 14 कंपनियों ने 4,50,000 टन की प्रस्तावित क्षमता के मुकाबले 5,53,730 टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता वाली इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन में रुचि दिखाई है।

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