जरुरी जानकारी | डब्ल्यूटी-ईसीआईबी योजना से 1,000 नए छोटे निर्यातकों को लाभ मिलने की संभावना: वाणिज्य मंत्रालय

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. ईसीजीसी का लक्ष्य डब्ल्यूटी-ईसीआईबी योजना के माध्यम से निर्यात ऋण अंतराल को कम करना है, जिससे मौजूदा 8,000 के अलावा लगभग 1,000 नए छोटे निर्यातकों को लाभ होगा। इसके जरिये उन्हें कार्यशील पूंजी के लिए बैंकों से पर्याप्त और किफायती निर्यात वित्तपोषण की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गई है।

नयी दिल्ली, 26 दिसंबर ईसीजीसी का लक्ष्य डब्ल्यूटी-ईसीआईबी योजना के माध्यम से निर्यात ऋण अंतराल को कम करना है, जिससे मौजूदा 8,000 के अलावा लगभग 1,000 नए छोटे निर्यातकों को लाभ होगा। इसके जरिये उन्हें कार्यशील पूंजी के लिए बैंकों से पर्याप्त और किफायती निर्यात वित्तपोषण की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गई है।

वाणिज्य मंत्रालय ने वर्ष 2024 के अंत की समीक्षा में कहा कि भारतीय निर्यात ऋण गारंटी निगम (ईसीजीसी) ने बैंकों के लिए अपने पूर्ण कारोबार निर्यात ऋण बीमा (डब्ल्यूटी-ईसीआईबी) योजना के दायरे को एक जुलाई से 80 करोड़ रुपये तक की निर्यात ऋण कार्यशील पूंजी सीमा तक बढ़ा दिया है।

इसमें कहा गया, ‘‘ईसीजीसी का लक्ष्य एमएसएमई निर्यातकों के लिए निर्यात ऋण उठाव में सुधार करना और इस योजना के माध्यम से निर्यात ऋण अंतराल को कम करना है, जिससे लगभग 8,000 मौजूदा निर्यातकों के अलावा लगभग 1,000 नए छोटे निर्यातकों को लाभ मिलने की उम्मीद है।’’

इसमें यह भी कहा गया है कि भारत-श्रीलंका आर्थिक और प्रौद्योगिकी सहयोग समझौते (ईटीसीए) पर बातचीत जारी है और 14वें दौर की बातचीत जुलाई में संपन्न हुई है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘परिधान से संबंधित विशिष्ट सामान की निगरानी को छोड़कर, सेवाओं और मूल नियमों सहित लगभग सभी विषयों पर बातचीत पूरी हो चुकी है।’’

भारत बाजार पहुंच में निश्चितता, गैर-भेदभावपूर्ण व्यवहार और पारदर्शी तथा वस्तुनिष्ठ नियामकीय वातावरण सुनिश्चित करके इन समझौतों के माध्यम से सेवा व्यापार को बढ़ाने के लिए अपने मुक्त व्यापार समझौते का लाभ उठा रहा है।

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